नई दिल्ली : दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के समिट के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर बड़ी टिप्पणी की है। एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान राजन ने कहा कि सीतारमण एक बेहद कठिन कार्य संभाल रहीं हैं।
रघुराम राजन जो भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार की ज्यादातर पॉलिसीज के आलोचक रहे हैं उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में कहा है कि वे एक कठिन कार्य कर रहीं हैं, ऐसे में मैं अच्छे या बुरे के रूप में उनके कार्य का मूल्यांकन करने वाला कोई नहीं होता।
दावोस में जब एक पत्रकार ने राजन से पूछा कि वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को क्या रैंक देंगे? तो उन्होंने कहा कि मैं उन्हें रैंक नहीं दे सकता, मैंने ऐसा कभी नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे एक कठिन कार्य कर रहीं हैं, ऐसे में जो व्यक्ति काम कर रहा है उन्हें मैं कोई रैंकिंग नहीं दे सकता है।
रघुराम राजन ने कहा कि असली चिंता लोअर मिडिल क्लास की है। राजन के अनुसार इस वर्ग को लेकर अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी चिंता है। यहां रोजगार की कमी है। बड़े व्यवसाय बढ़िया कर रहे हैं। उन्होंने अपने कर्ज का भुगतान महामारी के दौरान भी किया। बैंकों ने भी अपना बैड लोन राइट ऑफ कर दिया है। ऐसे में बैंक और बड़े कारोबार आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। पर दिक्कत लोअर मिडिल क्लास के साथ है।
कोरोना के दौरान उनमें से कुछ लोगों की नौकरियां तक चली गईं हैं। छोटे और मध्यम उद्योग अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे फिर से बेहतर करने की कोशिशों में जुटे हैं, वे वापस लौट रहे हैं। इस वर्ष 7% का विकास दर रहना शानदार है।
उन्होने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष की शुरुआत में हमने अच्छी वृद्धि की पर बाद के महीनों में विकास की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई। हम 5% के दर पर आ गए जो कि चिंता की बात है। वैश्विक मंदी की आशंकाओं को देखते हुए लगता है कि यह पांच प्रतिशत से भी नीचे जाएगा, यही चिंता की बात है और इसलिए हम वर्तमान स्थिति से संतुष्ट नहीं हो सकते।