संबलपुर। कुछ साल पहले तक गणतंत्र दिवस, ओडिशा दिवस और स्वाधीनता दिवस पर तिरंगा के बजाय काले झंडे फहराकर सरकार का विरोध करने वाले नक्सलियों और उनके समर्थकों की सोच अब बदलने लगी है। पिछले कुछ साल में दर्जनों कैडर और सैकड़ों समर्थकों ने हिंसा छोड़ दिया और समाज के मुख्यधारा में शामिल हो गए।
इस क्रम में गुरुवार को गणतंत्र दिवस पर तीन इनामी नक्सलियों ने मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक पी. नितेश के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों में दो पुरुष और एक महिला शामिल है, जिनपर ओडिशा सरकार ने एक-एक लाख रुपए का इनाम रखा था। इस बारे में जानकारी देते हुए मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक पी. नितेश ने बताया है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत ओडिशा के पुलिस महानिदेशक की अपील का गहरा प्रभाव नक्सलियों और उनके समर्थकों में देखा जा रहा है। यही वजह है कि नक्सली अब हिंसा त्याग कर आत्मसमर्पण करने लगे हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस को खबर मिली थी कि नक्सली संगठन से को भंग होने के बाद जिला के माथिली थाना अंतर्गत दलदली गांव का मनोज उर्फ माती माढ़ी, पांडू कावासी और आईते कार्त्तमी आत्मसमर्पण करने की सोच रहे हैं। इसका पता चलने के बाद पुलिस की ओर से उनसे संपर्क किया गया और उन्हें आत्मसमर्पण कर अमन चैन की जिंदगी बिताने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसी के बाद तीनों ने गणतंत्र दिवस के दिन आत्मसमर्पण करने की इच्छा व्यक्त की और आत्मसमपर्ण कर दिया।
बताया जा रहा है कि माथिली थाना अंतर्गत दलदली गांव का मनोज उर्फ माती माढ़ी और पांडू कावासी साल 2017 में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन में शामिल हुए थे। ओडिशा के रायगड़ा जिले के कल्याणसिंहपुर ब्लॉक राजनगिरी में गुरुवार को चार जगहों पर मोआवदियों ने गणतंत्र दिवस बहिष्कार के पोस्टर लगा दिए, जिसके बाद क्षेत्र में दहशत फैल गया।
एक पोस्टर पंचायत कार्यालय की दीवार पर लगाया गया था, उसमें लोगों से गणतंत्र दिवस समारोह का बहिष्कार करने के लिए कहा गया था। चरमपंथियों के अनुसार, देश में कोई लोकतंत्र नहीं था। पोस्टरों पर लिखा था कि ‘लोकतंत्र अमीरों के लिए है, गरीबों के लिए नहीं। इस बीच, पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।