नई दिल्ली। पीएम श्री की योजना में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट आवंटन में 2,200 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो 2022-23 के 1,800 करोड़ रुपये से 122.22 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 4,000 करोड़ रुपये हो गया है। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार, राज्य, केंद्र शासित प्रदेश सरकार और स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों में से मौजूदा स्कूलों को मजबूत करके 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) स्थापित करने का प्रावधान है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, योजना की अवधि 2022-23 से 2026-27 तक प्रस्तावित है। 20 लाख से अधिक छात्रों को योजना से लाभ मिलने की उम्मीद है। पीएम श्री के तहत स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करेंगे और समय के साथ अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे, और एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेंगे। यह विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ख्याल रखता है और उन्हें एनईपी 2020 के विजन के अनुसार उनकी खुद की सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाता है।
पीएम पोशन की फ्लैगशिप योजना में वित्त वर्ष 2023-24 के बजट आवंटन में भी 1,366.25 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है जो 2022-23 के 10,233.75 करोड़ रुपये से 13.35 प्रतिशत अधिक है और 2023-24 में 11,600 करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय बजट 2023-24 की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह एक समावेशी, जन-केंद्रित और विकास-उत्तेजक बजट है। यह ‘अमृत काल’ बजट सभी को शामिल करता है, गरीबों और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाता है, अंतिम छोर तक पहुंचता है और सभी के लिए खुशियां लेकर आता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमशीलता, अनुसंधान एवं विकास, डिजिटल बुनियादी ढांचे, हरित विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देते हुए, बजट भारत के लिए 100वें स्थान पर एक सावधानीपूर्वक खाका तैयार करता है और भारत को एक प्रौद्योगिकी-संचालित ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए एक ठोस नींव रखता है।