राजगढ़। बीते दिनों उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा श्रीरामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। इसके विरोध में स्थानीय अखंड श्रीरामचरितमानस पाठ परिवार और सकल हिंदू समाज ने बुधवार को पुलिस थाने में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में सदस्यों ने मांग की है कि, सनातन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पर एफआईआर दर्ज की जाए और साथ ही कड़ी कार्रवाई भी की जाए।
रामचरितमानस को केवल सनातन धर्म के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाती के लिए आदर्श और पवित्र ग्रंथ माना जाता है, इसलिए इस तरह से इसका अपमान करना असहनीय है। मौर्य सिर्फ अपने बयान देने पर ही नहीं रुके, बल्कि उनके इस बयान के उकसावे में आकर लखनऊ में 5 लोगों ने रामचरितमानस की प्रति को जला दिया था। उन पांचों को तो उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन, इस पूरी घटना से समाज जनों को बहुत आहत हुआ है। जिसके चलते इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाबदार ठहराते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
शहर के हिंदूवादी कार्यकर्ता का कहना है कि, जल्द से जल्द इस मामले में कार्यवाही की जाए, अगर ऐसा नहीं किया गया तो सनातन समाज आंदोलन और प्रदर्शनों करने के लिए बाध्य होगा। इस मांग को पुलिस तक लेकर जाने में मुख्य रूप से शिरीष उपाध्याय, दीपेंद्र दास, पदम सिंह तोमर, ओपी सोलंकी, देवेंद्र शर्मा, यशवंत गुप्ता, गजेंद्र सिंह कुशवाह आदि कार्यकर्ता शामिल थे।