काले अंगूर डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान

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डायबिटीज जीवनशैली से जुड़ी एक लाइलाज बीमारी है। एक बार किसी को यह बीमारी हो गई, तो उसे उम्रभर इसके साथ जीना पड़ेगा। इस बीमारी में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है जिससे मरीज को कम दिखना, प्यास लगना, चोट का जल्दी ठीक न होना और किडनी का नुकसान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तव में डायबिटीज रोग में पीड़ित का अग्नाशय इंसुलिन नामक हार्मोन को बनाना बंद या उसका उत्पादन कम कर देता है। यह हार्मोन ब्लड शुगर को मैनेज करने का काम करता है।

डायबिटीज का इलाज क्या है और ब्लड शुगर कैसे कम करें? डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए विभिन्न तरह की दवाएं मौजूद हैं लेकिन आपको हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी का भी ध्यान रखना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ भी हैं, जो ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं, इनमें से एक काले अंगूर भी हैं।

फलों के सेवन के मामले में डायबिटीज के मरीजों को हमेशा सावधान रहने की जरूरत होती है। ऐसा माना जाता है कि फलों में नैचुरल शुगर होते हैं जो ग्लूकोज लेवल बढ़ा सकते हैं। यह एक मुख्य कारण है कि डायबिटीज के मरीजों को ऐसे फूड्स के सेलेक्शन की जरूरत होती है, जो उनके ब्लड शुगर के लेवल के लिए सेफ हों।

डायबिटीज के मरीजों के साथी हैं काले अंगूर
अंगूर पॉलीफेनोल्स से भरपूर फल है, जो अच्छे डाइजेशन में मदद करता है और ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा देता है। इसके अलावा यह हार्ट डिजीज और यहां तक कि कैंसर से बचाने में भी सहायक है।

मेटाबॉलिक सिंड्रोम को कम कर सकता काला अंगूर
रिपोर्ट के अनुसार, काले अंगूर का नियमित सेवन मेटाबॉलिक सिंड्रोम को कम कर सकता है। अंगूर के मजबूत एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, वे डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए सुरक्षित हैं, लेकिन इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में करना जरूरी है।

काले अंगूर का GI होता है कम
काले अंगूर न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि डायबिटीज के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं क्योंकि उनका जीआई लेवल (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) लो 43 से 53 के बीच होता है। अंगूर का किसी भी रूप में सेवन (पूरे फल, रस या अर्क के रूप में) करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी का खजाना
काले अंगूर रेस्वेराट्रोल से भरे होते हैं, जो एक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी सब्सटेंस के रूप में काम करता है, जो डायबिटीज के रिस्क को कम करने में भूमिका निभाता है। यह टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के जीवन काल को बढ़ाने में भी मदद करता है।

लो कैलोरी लेवल
रिपोर्ट के अनुसार, काले अंगूर में कैलोरी कम होती है क्योंकि इनमें 82 प्रतिशत से अधिक पानी होता है। शरीर उस सारे पानी से भर सकता है और हाइड्रेट होता है। अंगूर एक ऐसा फल है, जो बेहतर इंसुलिन कंट्रोल देने के साथ-साथ इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बढ़ाता है।

मीठा खाने की इच्छा को करता है कम
अगर आपको मीठा खाने का शौक है, तो काले अंगूर इस लालसा को संतुष्ट करने का एक शानदार तरीका है। गम्मीज, लॉलीपॉप, सकर्स और अन्य शुगर प्रोडक्ट जैसे मीठा खाने के बजाय काले अंगूर खाना एक हेल्दी ऑप्शन हो सकता है।

कितनी मात्रा में खाएं अंगूर
एक्सपर्ट के अनुसार, किसी भी डाबिटीज-फ्रेंडली फूड का साइज उसके कार्बोहाइड्रेट कंटेंट पर निर्भर करता है। फलों की एक सर्विंग में लगभग 15 ग्राम कार्ब्स होते हैं। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए आपको रोजाना 17 काले अंगूर खाने चाहिए।

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