नूरदागी (तुर्की). तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण धराशायी हुई इमारतों में से और शवों के बरामद होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 7,200 के पार चला गया है। भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है। हजारों इमारतों के मलबे में बचे लोगों को ढूंढ़ने के लिए बचावकर्मी काम में लगे हुए हैं। दुनियाभर के देशों ने बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए टीम भेजी है।
तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि 24,400 से अधिक आपातकालीनकर्मी मौके पर मौजूद हैं। लेकिन सोमवार के भीषण भूकंप से बड़े इलाके के प्रभावित होने और अकेले तुर्की में ही लगभग 6,000 इमारतों के ढहने की पुष्टि के साथ उनके प्रयास बहुत कम साबित हो रहे हैं।
तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकते ने कहा कि अकेले तुर्की में ही इमारतों के मलबे से 8,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है और करीब 3,80,000 लोगों ने सरकारी आश्रय स्थलों या होटलों में शरण ली है। आपदा में बचे हुए लोगों तक पहुंचने के प्रयास में शून्य से नीचे का तापमान और करीब 200 की संख्या में आए भूकंप के बाद के झटके भी बाधा बन रहे हैं, इससे अस्थिर ढांचों के भीतर लोगों को खोजना काफी खतरनाक हो गया है।
नूरगुल अताय ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि हते प्रांत की राजधानी अंताक्या में ध्वस्त इमारते के मलबे में दबी अपनी मां की आवाज को वह सुन सकती थीं , लेकिन उनके और अन्य लोगों के मलबे के अंदर घुसने के प्रयास राहतकर्मियों और भारी उपकरण न होने के कारण व्यर्थ चले गये।
उन्होंने कहा कि उनकी मां 70 साल की थीं और ज्यादा समय तक जूझने में सक्षम नहीं थीं। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं और कई लोगों ने अपने परिजनों के मलबे में फंसे होने और किसी बचाव दल या मदद के नहीं पहुंचने की शिकायत की है।
तुर्की के दक्षिण-पूर्वी प्रांत कहमनमारस में केंद्रित भूकंप ने दमिश्क और बेरूत के निवासियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। सीरिया में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के मिशन प्रमुख सेबस्टियन गे ने कहा कि उत्तरी सीरिया में चिकित्सा कर्मी जी जान से जुटे हैं जो भारी संख्या में आये घायलों के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
तुर्की के हते प्रांत में हजारों लोगों ने खेल केंद्रों या मेला हॉल में आश्रय लिया, जबकि अन्य लोगों ने बाहर रात बिताई और अलाव का सहारा लिया। इस्केंदरून बंदरगाह के एक इलाके से काला-घना धुआं उठ रहा है, जहां दमकल कर्मी अभी तक आग बुझाने में सफल नहीं हुए हैं। यह आग भूकंप के कारण पलटे मालवाहक कंटेनर (शिपिंग कंटेनर) में लगी थी। अधिकारियों को आशंका है कि सोमवार तड़के आए भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मंगलवार को भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मदद की नवीनतम प्रतिद्धता के तहत दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कहा कि वह 60 सदस्यीय बचाव दल के साथ-साथ चिकित्सा सामग्री और 50 सैनिकों को तेजी से भेजने की तैयारी में हैं। पाकिस्तान की सरकार ने मंगलवार तड़के राहत सामग्री और 50 सदस्यीय खोज और बचाव दल को एक विमान से तुर्की भेजा। पाकिस्तान ने कहा कि सीरिया और तुर्की के लिए बुधवार से दैनिक सहायता उड़ानें होंगी।
भारत ने कहा कि वह विशेष रूप से श्वान दस्तों और चिकित्सा कर्मियों सहित दो खोज और बचाव दल भेजेगा। इस्लामाबाद के एक बयान के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ अपनी संवेदना और एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुधवार को अंकारा की यात्रा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नाटो सहयोगी तुर्की के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और सहायता की पेशकश करने के लिए एर्दोआन से फोन पर बातचीत की।
अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने कहा कि वह तुर्की के प्रयासों में मदद के लिए खोज और बचाव दल भेज रहा है। सीरियाई शहर अलेप्पो और तुर्की के दियारबाकिर शहर के बीच के 330 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले इलाके में हजारों इमारतों के ध्वस्त होने की खबर है। “यूएस जियोलॉजिकल सर्वे” ने सोमवार को आए भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी जिसका केंद्र जमीन के नीचे 18 किलोमीटर था। शायद पहले भूकंप के कारण दूसरा भूकंप 100 किलोमीटर दूर आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.5 थी।