नई दिल्ली : देश में जल्द ही ड्रोन से मिसाइल भी भेजी जा सकेगी। ये दावा है केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का। मंगलवार को दिल्ली के एक निजी होटल में स्काई यूटीएम को लॉन्च (Sky UTM करते हुए मंत्री ने कहा कि डिफेंस में मिसाइल को ले जाने वाले ड्रोन बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ड्रोन भविष्य में काफी मददगार साबित होगा। पहाड़ी क्षेत्रों में सामान की ढुलाई के लिए कारगर रहेगा। ड्रोन तकनीकी में सुधार के लिए बड़े स्तर पर रिसर्च चल रही है। देश में ड्रोन पोर्ट भी बनाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में ड्रोन के माध्यम से सड़कों का ऑडिट भी किया जाएगा। ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को नितिन गडकरी ने सुझाव दिया कि अभी ड्रोन में लिथियम बैटरी से चलने वाले इंजन का प्रयोग हो रहा है। इसमें फ्लैक्सिबल इंजन का प्रयोग होना चाहिए, जिसमें बैटरी के साथ ईधन के रूप में इथेनॉल का प्रयोग हो सके। इसके ड्रोन संचालन में आने वाला खर्च भी घटेगा, साथ ही अन्य लाभ भी होंगे।
स्काई यूटीएम के सीईओ अंकित कुमार ने कहा कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसमें सभी ड्रोन संचालकों को पंजीकरण कराने के बाद संचालन से जुड़ी सभी सुविधाएं दी जाएंगी। अभी तक गूगल मैप सहित अन्य का सहारा लेना पड़ता था। उन्होंने कहा कि हम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ड्रोन के संचालन पर पूरी नजर रखेंगे। संचालक को बताएंगे कि वह कहां, कैसे, किस रूट पर और कब ड्रोन को उड़ा सकते हैं। ड्रोन के लिए लाइसेंस लेने से लेकर अन्य सभी मदद भी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे एडवांस सुविधा है। अभी हमारे साथ 20 से अधिक कंपनियां जुड़ी हुई हैं।
ड्रोन से करेंगे ऑडिट
मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में ऑडिट करने के लिए जल्द ही टेंडर निकालेंगे। इसमें ड्रोन के माध्यम से सड़क, भवन सहित अन्य से जुड़े कार्यों का ऑडिट होगा।
अंकित ने कहा कि ड्रोन का संचालन अभी महंगा है, लेकिन जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ेगा, लागत भी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब स्मार्टफोन को कोई खरीदना नहीं चाहता था, लेकिन जब प्रचलन बढ़ा तो इसके दाम भी काफी तेजी से घट गए। ऐसा ही ड्रोन के साथ भी होगा।