जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपना पहला कृषि बजट पेश किया. इस बार मिशन मोड पर 11 योजनाओं को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया. पिछले साल, राज्य सरकार ने योजना के तहत 2,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था, जिसे बजट 2022-23 में बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
बजट पेश करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारा उद्देश्य अगले पांच वर्षों में किसानों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है. साथ ही राजस्थान को कृषि क्षेत्र में शीर्ष राज्यों में खड़ा करना है. सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले साल के बजट में, मैंने मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत 2,000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी. गहलोत ने कहा कि इसे बढ़ाकर अब 5,000 करोड़ रुपये किया जाएगा.
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, सीएम गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना में राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन, राजस्थान जैविक खेती मिशन, राजस्थान बीज उत्पादन और वितरण मिशन, राजस्थान बाजरा प्रोत्साहन मिशन, राजस्थान संरक्षित खेती मिशन, राजस्थान बागवानी विकास मिशन, राजस्थान फसल संरक्षण मिशन, राजस्थान भूमि उर्वरता मिशन, राजस्थान कृषि मजदूर अधिकारिता मिशन, राजस्थान एग्री-टेक मिशन और राजस्थान खाद्य प्रसंस्करण मिशन शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत 2700 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट से पांच लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा. सूक्ष्म सिंचाई के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा. अन्य प्रमुख मिशनों में राजस्थान जैविक खेती मिशन है, जिसके लिए अगले तीन वर्षों में चार लाख किसानों को लाभान्वित करने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. राजस्थान मिलेट्स प्रमोशन मिशन के लिए कुल 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत अगले दो वर्षों में 25,000 किसानों को 400 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने 5,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ सौर पंप सेट की स्थापना पर एक लाख किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की. सरकार किसानों को 6,700 करोड़ रुपये की लागत से लंबित 3.38 लाख बिजली कनेक्शन भी देगी. गहलोत ने अपने बजट भाषण में कहा कि 20,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसल ऋण वितरित किया जाएगा और पांच लाख नए किसानों को शामिल किया जाएगा, जिसके लिए 650 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी खर्च की जाएगी.
राजस्थान सिंचाई पुनर्गठन कार्यक्रम के तहत अगले तीन साल में पानी की आपूर्ति के लिए 14,860 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसमें 550 करोड़ रुपये की लागत वाली 37 सौर ऊर्जा आधारित सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं का विकास, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत 9,600 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्य, वितरिकाओं के नवीनीकरण और मरम्मत के लिए 600 करोड़ रुपये और जल संचयन और संरक्षण के लिए 2,600 करोड़ रुपये शामिल हैं. राज्य सरकार ने कोटा और जोधपुर में फाइटो-सैनिटरी लैब स्थापित करने के अलावा 220 करोड़ रुपये की लागत से जिलों में 11 मिनी फूड पार्क स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है.