उत्तर प्रदेश को 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, पश्चिमी यूपी के बाद पूर्वांचल में भी भारी निवेश

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वैश्विक निवेशक सम्मेलन के समापन समारोह में सभी भागीदारों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि निवेश के इस वैश्विक महाकुंभ में उत्तर प्रदेश को 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए सबको विश्वास दिलाया कि उत्तर प्रदेश निवेश का सुरक्षित गंतव्य होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो निवेश आया है और जो निवेश आयेगा, वह प्रदेश के विकास में सहायक तो होगा ही, स्वयं निवेशकों के लिए भी काफी फलदायी होगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले निवेश का मतलब सिर्फ एनसीआर में निवेश होता था जबकि इस सम्मेलन में प्रदेश के सभी 75 जनपदों के लिए निवेश मिले हैं। उन्होंने कहा कि कमजोर समझे जाने वाले पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी भारी निवेश आया है, पूर्वांचल में 9.54 लाख करोड़ तथा बुंदेलखंड में 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमओयू (समझौता ज्ञापन) से लेकर निवेश को धरातल पर उतारने तक के चरणों में उद्यमियों की सहायता के लिए निवेश सारथी, निवेश मित्र, मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र और प्रोत्साहन निगरानी तंत्र जैसे पारदर्शी एकल खिड़की तंत्र बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि इस सम्मेलन को 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई ऊंचाई प्रदान की। उनका कहना था कि विगत नौ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है, जिसका लाभ इस भव्य आयोजन में उत्तर प्रदेश को भी मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पाद, परंपरागत उद्यम को ओडीओपी से जोड़कर इन उद्यमों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई गई है।

उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था लेकिन अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से उत्तर प्रदेश के नागरिकों ने ‘बीमारू राज्य’ के दंश को मिटाने का संकल्प लिया । मुख्यमंत्री ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में मार्गदर्शन देने और सहभागी बनने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव, राजीव चंद्रशेखर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सभी 10 साझीदार देशों, डेनमार्क, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन के मंत्रियों, नौ देशों के उच्चायुक्त, देश के सभी प्रमुख उद्योगपतियों, 40 देशों के प्रतिनिधियों समेत सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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