लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 32 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक निवेश प्रस्ताव जुटाने वाले तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपी जीआईएस) – 2023 का शुभारंभ किया। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश सरकार ने अपने लक्ष्य से तीन गुणा से अधिक निवेश प्रस्ताव हासिल करने में सफलता प्राप्त की है। विभिन्न कंपनियों के साथ राज्य सरकार ने 18 हजार 643 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिनके तहत अब तक 32.92 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी की क्षमता पर जोर देते हुए कहा कि देश की आर्थिक समृद्धि में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिखर सम्मेलन उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक बड़ी छलांग है। फिलहाल VnationNews के संवाददाता ने ग्राउंड पर जाकर लोगों से प्रतिक्रया ली कि आखिर यूपी में चल रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उनके लिए कितना फायदेमंद साबित होगी?
हमारे संवाददाता से बातचीत करते हुए राहुल गर्ग CEO Moglix ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लिए आगामी 10 साल के लिए यह अमृतकाल का समय है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जैसा जोश इस बार मैंने देखा इससे पहले कभी यूपी में नहीं देखा।
वही, सुखविंदर सिंह खरौर, CEO VueNow ने अपनी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कि बड़े लघु और सीमांत इन्वेस्टर्स के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक अच्छा प्लेटफॉर्म है।
इसके अलावा हमारे संवाददाता ने ixigo के CEO आलोक बाजपेयी से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश का भविष्य उज्जवल है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए एक अच्छी शुरुआत है। पहली बार मैंने देखा कि समिट में कई स्टार्टअप्स ने निवेशकों को आकर्षित किया। दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा सामर्थ्य अकेले उत्तर प्रदेश में है। एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा है और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश। इससे बेहतर पार्टनरशिप हो ही नहीं सकती। भारत अगर आज दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है तो यूपी भारत के ग्रोथ को ड्राइव करने में अहम नेतृत्व दे रहा है।
गौरतलब है कि बीते करीब छह सालों में शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सुदृढ़ कानून व्यवस्था और ‘इंडस्ट्री फ्रेंडली पॉलिसी’ से उत्तर प्रदेश में देश-दुनिया के निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। इसका फायदा सिर्फ एनसीआर तक सीमित नहीं है। गोरखपुर जैसे पूर्वांचल के जिलों के प्रति भी निवेशक आकर्षित हुए हैं. बेहतरीन रोड और एयर कनेक्टिविटी की सुविधा तथा उद्यमियों की मांग के अनुरूप पर्याप्त भूमि उपलब्ध होने के चलते समूचा गोरखपुर, खासकर गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GIDA) पहले से निवेशकों की पसंद बना हुआ है।