नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आगामी दिनों में भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और एविडेंस एक्ट में संशोधन करने जा रही है. इसके साथ ही फॉरेंसिक जांच के लिए भी एक समय-सीमा निर्धारित करने पर विचार चल रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (16 फ़रवरी) को दिल्ली पुलिस के 76वें स्थापना दिवस के मौके पर यह बात कही. इसके साथ ही अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की तारीफ भी की है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली उन मामलों की फॉरेंसिक जांच करने वाला देश का पहला प्रदेश होगा, जिनमें छह वर्ष या फिर उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है. दिल्ली पुलिस में पांच मोबाइल फॉरेंसिक वैन (MFV) को शामिल करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि, हमारी पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार आने वाले दिनों में IPC, CrPC और एविडेंस अधिनियम में कुछ संशोधन करने जा रही है.
शाह ने आगे कहा कि इन तीनों कानूनों को सरकार संविधान के वक़्त और भावना के अनुरूप लाएगी और फॉरेंसिक और अन्य सबूतों की उपलब्धता के साथ इसे और अधिक सशक्त किया जाएगा. इसके लिए पूरे देश में फॉरेंसिक साइंस के नेटवर्क को फैलाना होगा. अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने एक रिफॉर्म की टेस्टिंग भी आरम्भ कर दी है. जिसके तहत छह वर्ष से ज्यादा की सजा वाले सभी मामलों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य है.
गृह मंत्री ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस के सबूतों के माध्यम से देश की न्याय व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है. जब अत्याधुनिक सुविधाओं और 14 विभिन्न प्रकार की फॉरेंसिक किटों से लैस ये मोबाइल फॉरेंसिक वैन जब क्राइम स्थल पर जाएंगी, तो दोषसिद्धि दर में बहुत बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि 2023 दिल्ली पुलिस के लिए बेहद अहम होने वाला है, क्योंकि इस साल राजधानी G20 शिखर सम्मेलन के लिए पूरे विश्व से अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी करेगी.