नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को यौन उत्पीड़न पीड़िता का नाम अपने आदेश से हटाने का निर्देश दिया है। जस्टिस अभय एस ओका और राजेश बिंदल की पीठ ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर आपत्ति जताई, जिसमें पीड़िता का नाम सार्वजनिक किया गया था। पीठ ने कहा, हमने पाया कि अपने निर्णय में हाई कोर्ट ने पीड़िता के नाम का उल्लेख केवल एक बार नहीं, बल्कि कई बार किया है। हम हाई कोर्ट को निर्देश देते हैं कि पहले पीड़िता का नाम हटाया जाए, फिर आदेश को अपलोड किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिया था फैसला
शीर्ष अदालत पीड़िता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि हाई कोर्ट ने शुरू में ही आरोपित के खिलाफ मामले को इस आधार पर रद करके गलत किया कि उन दोनों के बीच चार साल से अधिक समय से संबंध थे। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में फैसला दिया था कि दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता की पहचान और उसके नाम (इसमें दिवंगत पीड़िता भी शामिल है) को किसी तरीके से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।