नई दिल्ली (New Delhi)। देशभर में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस (H3N2 Influenza virus) के 1 जनवरी से अबतक 450 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी H3N2 (एच3एन2) इन्फ्लूएंजा वायरस का पहला मामला (H3N2 Influenza First Case) सामने आया है. राज्य की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal) में एक युवक में इस वायरस का टेस्ट किया गया था. गुरुवार (16 मार्च) को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव (report positive) आई. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने मीडिया को बताया कि जिस युवक में एच3एन2 की पुष्टि हुई है, उसकी उम्र 20 से 25 साल के बीच है. हालांकि अब उसमें इसके कोई लक्षण नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि युवक ने खांसी और जुकाम की शिकायत की थी, जिसके बाद उसके स्वाब का सैंपल लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया था. गुरुवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्होंने कहा कि भोपाल के बैरागढ़ इलाके के रहने वाले मरीज को किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया था और फिलहाल वह घर पर ही ठीक हो रहा है।
इससे पहले हरियाणा के यमुनानगर में मंगलवार (15 मार्च) को H3N2 इन्फ्लूएंजा वेरिएंट (H3N2 Influenza Variant) के पांच संदिग्ध केस सामने आए थे. इसको लेकर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों को क्षेत्र में वायरस सबटाइप H3N2 और H1N1 के कारण होने वाले मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए हाई रिस्क ग्रुप पर फोकस करने का निर्देश दिया था।
इन्फ्लूएंजा को लेकर रहे अलर्ट
इन्फ्लूएंजा एक कॉमन बीमारी है. सामान्य केस में व्यक्ति एक दो दिनों तक बुखार और खांसी होकर ठीक हो जाता है. अगर किसी को दो दिनों से अधिक 100 डिग्री से अधिक बुखार और साथ में सर्दी-खांसी हो या बलगम आना शुरू हो जाए तो उस स्थिति में उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
कोरोना के जितना यह वायरस भले ही खतरनाक ना हो लेकिन इसस सावधानी बरतना जरूरी है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों को यह वायरल ज्यादा चपेट में ले रहा है. इसके शुरुआत में बुखार, खांसी, सर्दी, नाक और आंखों में जलन लक्षण देखने में आते हैं।