नईदिल्ली: वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि 70 साल से ज्यादा की उम्र वाले पेंशनर्स को 30 जून, 2023 तक पूरा भुगतान करे. देश में पेंशन पाने वालों की संख्या 25 लाख के आसपास है, जिसका एरियर करीब 28 हजार करोड़ रुपये है. यह एरियर 2019 से दिया जाना है. वित्त मंत्रालय ये भुगतान एक साथ करने में असमर्थता जता चुका है.
कोर्ट पहले ही वन रैंक वन पेंशन के सिलसिले में आदेश जारी कर चुका है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया था. अब सरकार का कहना है कि एक साथ भुगतान करना मुश्किल है, और कोर्ट से तीन किश्तों में भुगतान की मोहलत मांगी, जिसे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने स्वीकार किया. केंद्र ने कोर्ट को बताया कि 10-11 लाख पेंशनर्स का बकाया इस साल 31 अगस्त, 30 नवंबर और अगले साल 28 फरवरी तक भुगतान कर दिया जाएगा. कोर्ट ने यह साफ किया कि इसका असर पूर्व कर्मियों के पेंशन के इक्वलाइजेश पर नहीं पड़ेगा.
वन रैंक वन पेंशन यानी OROP पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की नाराजगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने जानकारी सील बंद लिफाफे दिए जाने पर एटॉर्नी जनरल को कड़े शब्दों में हिदायत दी। उन्होंने इस तरह के लिफाफों को न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।
खास बात है कि हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को सेना के 21 लाख पेंशन भोगियों को OROP एरियर देने के लिए समय दिया है। नए आदेश के अनुसार, बकाया भुगतान 28 फरवरी 2024 तक किया जाना है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अदालतों में सीलबंद लिफाफों के इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘हम कोई भी गोपनीय दस्तावेज या सीलबंद लिफाफे नहीं लेंगे और मैं व्यक्तिगत रूप से इसके खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह आदेशों को लेकर हैं। यहां क्या गोपनीयता होनी चाहिए?’
उन्होंने साफ कर दिया है कि वह सीलबंध लिफाफों के इस्तेमाल को बंद करना चाहते हैं। उन्होंने एटॉर्नी जनरल कहा, ‘अगर सुप्रीम कोर्ट इसका पालन करता है, तो हाईकोर्ट भी करेंगे।’ साथ ही उन्होंने सरकार के शीर्ष वकील से लिफाफे में बंद जानकारी को पढ़कर सुनाने या वापस ले जाने की बात कही।
सीजेआई ने कहा कि इनकी बहाली तब ही की जाएगी, जब किसी सूत्र के बारे में जानकारी होगी या किसी की जान खतरे में होगी। वहीं, मामले पर उन्होंने कहा कि OROP देने के मामले में कोर्ट को सरकार की परेशानियों के बारे में पता है। हालांकि, उन्होंने इसे लेकर सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी मांगी है।
70 साल से ज्यादा उम्र वालों को 30 जून तक भुगतान
हालांकि, कोर्ट ने सरकार को ओआरओपी के तहत परिवार वालों और अवॉर्ड विनर पेंशनर्स को इसी साल 30 अप्रैल तक भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने ओआरओपी के तहत 70 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स के बकाए का भुगतान भी इसी साल 30 जून तक भुगतान करने सख्त आदेश दिया है.
आदेश जारी किया जाना है, सीक्रेट क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट्स की याचिका पर जारी की है. इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने एक सील्ड कवर में अपना प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की थी, जिसे चीफ जस्टिस की बेंच ने खारिज कर दिया था और कहा था कि कोर्ट में ट्रांसपेरेंसी रहनी चाहिए. सीजेआई ने यह भी पूछा था कि यहां आदेश ही तो जारी किया जाना है, इसमें सीक्रेट क्या है?
सरकार ने दो साल में भुगतान का दिया था प्रस्ताव
इससे पहले 13 मार्च को रक्षा मंत्रालय के 20 जनवरी के कम्युनिकेशन पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि सरकार पेंशनर्स को बकाए का भुगतान चार छमाही इंस्टॉलमेंट यानी दो साल में करेगी, जबकि कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और मंत्रालय से कम्युनिकेशन वापस लेने को कहा था. पेंशनर्स के भुगतान के लिए बजट आउटले 5 लाख करोड़ का है, और 1.2 लाख करोड़ रुपए का भुगतान फरवरी महीने तक किया जा चुका है.