नई दिल्ली : हिंदू धर्म में हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. हनुमान जयंती के दिन देशभर में बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन किए जाते हैं. हनुमान भक्त बड़ी संख्या में अपने आराध्य की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. तिथि के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर में इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023 को मनाई जा रही है. हनुमान जी अपने भक्तों से जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं. वह ना सिर्फ अपने भक्तों की मनोकामनाएं (wishes) पूर्ण करते हैं, बल्कि हर तरह के संकट से उनकी रक्षा भी करते हैं.
हनुमान की पूजा (worship) कभी भी सूतक काल में नहीं करनी चाहिए. किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर घर में 13 दिन के लिए सूतक काल लग जाता है.
हनुमान जयंती के दिन स्त्रियों को छूने या स्पर्श करने से बचना चाहिए. इस दिन ब्रह्मचर्या का बड़ी सख्ती से पालन किया जाता है.
हनुमान जयंती पर बजरंगबली को चरणामृत से स्नान कराने से बचना चाहिए. उनकी पूजा में चरणामृत चढ़ाने का विधान नहीं है.
बजरंगबली (bajrangbali) की पूजा करते समय भूलकर भी काले या सफेद रंग के वस्त्र धारण न करें. इसके परिणाम बहुत ही अशुभ हो सकते हैं.
हनुमान जयंती पर पूजा के लिए बजरंगबली की टूटी हुई या खंडित प्रतिमा का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें.
हनुमान जयंती के दिन आपको नमक के सेवन से परहेज करना चाहिए. उन चीजों से भी परहेज करें, जो इस दिन आपने दान में दी हों.
हनुमान जयंती के दिन मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए. शारीरिक संबंध बनाने से बचें. क्रोध में आकर किसी को अपशब्द ना कहें.