मुंबई. महाराष्ट्र में कांग्रेस ने पूर्व विधायक आशीष देशमुख को राज्य में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयान देने को लेकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। पूर्व विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा करने वाले पार्टी के एक नोटिस में कहा गया है कि देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।
देशमुख नागपुर के काटोल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक हैं, जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। वह 2019 के विधानसभा चुनावों में नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से भाजपा नेता और मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार थे। वह कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की अध्यक्षता वाली राज्य कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने उनकी इस टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि एमपीसीसी (महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी) अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पैसा मिलता है।
आशीष देशमुख ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी ‘‘मोदी उपनाम” संबंधी टिप्पणियों के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। अनुशासन समिति की बैठक के बाद पूर्व विधायक को नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन में इस बात का जवाब देने को कहा गया है कि उन्हें कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित क्यों न किया जाए। नोटिस में कहा गया है कि चूंकि देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए उन्हें आगे की कार्यवाही और मामले का अंतिम निस्तारण होने तक कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।
देशमुख ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस साल जनवरी में पत्र लिखकर पटोले को उनके पद से हटाए जाने की मांग की थी। पत्र में कहा गया था कि महाराष्ट्र में विपक्षी दल की स्थिति ‘‘चिंताजनक” है और राज्य इकाई के अध्यक्ष को बदले जाने की आवश्यकता है।