लखनऊ : योगी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की गरीब महिलाओं की शादी कराने पर 150 करोड़ रुपये (Rs. 150 Crore) खर्च करेगी । एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर कहा है कि निर्धारित नियमों का पालन नहीं करने पर अनियमितता मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘ओबीसी’ बेटियों की शादी के लिए धन आवंटित कर रही है और अनुदान प्रदान कर रही है।
राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा पिछड़े वर्ग से संबंधित ऐसे किसी भी परिवार द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर अनुदान प्रदान किया जाता है। अब तक राज्य सरकार ने विवाह अनुदान योजना के तहत 3,85,514 हितग्राहियोंको 771 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है। विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को हर महीने की 10 तारीख तक सरकार को इस मद में राशि खर्च की जानकारी देनी होगी। साथ ही स्वीकृत राशि का उपयोग किसी भी परिस्थिति में किसी अन्य कार्य में नहीं किया जायेगा तथा शेष राशि वित्तीय वर्ष के अन्त में कोषागार में जमा करानी होगी। विभाग द्वारा निर्धारित नियम एवं शर्तों के अनुसार, आवेदक की वार्षिक आय शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 46,080 रुपये होनी चाहिए।
आवेदन में दूल्हे की उम्र 21 साल और दुल्हन की उम्र 18 साल होनी चाहिए। जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। योजना के तहत विवाह अनुदान का लाभ एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को दिया जा सकता है, साथ ही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुदान दिया जाता है। समाज कल्याण विभाग सामूहिक विवाह का आयोजन करता है और प्रत्येक विवाह पर 51,000 रुपये खर्च करता है। पहले यह राशि 35,000 रुपये थी। इस योजना के तहत अब तक 2.25 लाख से अधिक महिलाओं की शादी हो चुकी है।