आरा मशीन से किए शव के 10 टुकड़े, फिर अलग-अलग जगह फेंका, 52 दिन बाद ऐसे हुआ हत्या का खुलासा

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मध्य प्रदेश के जबलपुर से हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक युवक की हत्या के बाद लकड़ी काटने वाली आरा मशीन से शव के 10 टुकड़े किए गए थे. इसके बाद नाले में अलग-अलग जगह उन्हें फेंक दिया गया था. पुलिस ने बताया कि 25 लाख रुपये के लेने-देन की वजह से युवक की हत्या की गई थी.

वारदात के बाद हत्यारे ने खुदकुशी कर ली थी. पुलिस ने 52 दिन बाद इस हत्याकांड का खुलासा किया और अपराध में शामिल दूसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने शव को एक टाल में लकड़ी काटने वाली आरा मशीन से काटकर उसके 10 टुकड़े किए थे. इसके बाद बोरे में भरकर संजीवनी नगर स्थित 90 क्वार्टर के पास एक नाले में फेंक दिया था. पुलिस को बोरे में कुल 8 टुकड़े मिले हैं, जबकि सीने व पेट का हिस्सा अभी बरामद नहीं हुआ है.

मृतक का नाम अनुपम शर्मा है. वह गाडरवारा नरसिंहपुर जिले का रहने वाला था. अनुपम टाल संचालक टोनी वर्मा के साथ काम करता था. उसका पूरा लेखा-जोखा और शेयर मार्केट का काम भी देखता था. पुलिस ने पीएम कराने के बाद रविवार की शाम को उसके शव को परिजनों के हवाले कर दिया.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अनुपम और टोनी वर्मा के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था. इसी के चलते टोनी वर्मा ने अनुपम की हत्या की थी. अनुपम 16 फरवरी को घर से निकला था और कभी वापस नहीं लौटा. परिजनों ने तलाश करने के बाद संजीवनी नगर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. आखिरी बार अनुपम को टोनी के घर के पास देखा गया था. इसके अलावा पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज भी मिले थे.

सीसीटीवी फुटेज में स्कूटर पर अनुपम जैसा एक शख्स दिखाई दिया था. स्कूटर धनवंतरीनगर चौराहे पर दिखा था. बाद में स्कूटर एक रेलवे पार्किंग से मिला. दरअसल, ये साजिश का हिस्सा था. आरोपी राम प्रकाश ने अनुपम के कपड़े पहने थे, ताकि पुलिस को गुमराम कर सके कि अनुपम कहीं चला गया.

अनुपम की तलाश में जुटी पुलिस को टाल में काम करने वाला एक कर्मचारी मिला. पूछताछ के दौरान पुलिस को उस पर संदेह हुआ. उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उसने पूरी वारदात का खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि पूरा हत्याकांड लाखों रुपये के लेन-देन और चरित्र संदेह के चलते किया गया था.

वारदात के कुछ दिनों बाद टोनी ने भी आत्महत्या कर ली. उसने सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि उससे एक बड़ी गलती हो गई है. इससे पहले वो पुलिस के साथ जांच में सहयोग कर रहा था. मगर, जब उसको लग कि अब वो फंस सकता है, तो उसने ये कदम उठा लिया. इसी वजह से पुलिस को टोनी पर भी खुदकुशी करने के बाद ज्यादा शक हुआ.

जांच के दौरान पुलिस ने अनुपम के पिता के वॉट्सऐप मैसेज की जांच की. इसमें अनुपम ने लिखा था कि वह अपनी गलतियां सुधारने के लिए आध्यात्मिक रास्ते पर चल पड़ा है. शुरुआत में पुलिस को लगा कि अनुपम खुद ही कहीं चला गया है. मगर, ये सिर्फ जांच को भटकाने की कोशिश थी. जांच में पता चला कि आरोपियों ने अनुपम के फोन से ये मैसेज उसके पिता को भेजे थे.

ये भी पता चला था कि टोनी वर्मा अपनी पत्नी पर अनुपम शर्मा के साथ संबंध होने का शक करता था. इसी के चलते उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. अनुपम को मारने के लिए टोनी ने अपने किरायदार राम प्रकाश को भी साजिश में शामिल किया. इसके लिए उसे रुपये देने का वादा किया गया था. गिरफ्तारी और बदनामी के डर से टोनी ने ये कदम उठाया या फिर धोखा खाने की वजह से उसने ये कदम उठाया, इसकी जांच जारी है.

पुलिस के मुताबिक, टोनी और राम प्रकाश पूनिया ने अनुपम का गला दबा कर हत्या कर दी. सबूत मिटाने के लिए लाश के टुकड़े कर दिए. इस पूरे घटनाक्रम में मुख्य आरोपी टोनी वर्मा ने आत्महत्या कर ली है. वहीं, दूसरे आरोपी राम प्रकाश पूनिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

 

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