अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था द्वापर युग का अंत, जानें इस पर्व से जुड़ी ये रहस्‍य

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नई दिल्ली : हम सभी ने कभी न कभी यह प्रश्न किया है कि द्वापर युग या सतयुग, त्रेता युग कब से प्रारंभ या समाप्त हुआ। दरअसल, इसका सटीक जवाब किसी के पास नहीं है, लेकिन इसके समय को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन एक युग का अंत हुआ और दो युगों की शुरुआत हुई।

1. पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन से दो पवित्र युगों की शुरुआत हुई थी। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन द्वापर युग का अंत हुआ था।

2. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते हैं। इस दिन से भक्त भगवान नारायण के दर्शन और पूजा कर पाते हैं। आपको बता दें कि चार धाम की यात्रा में बद्रीनाथ एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।

3. अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन भूलकर भी एल्युमीनियम, स्टील या प्लास्टिक के बर्तन और सामान नहीं खरीदना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आ सकती है।

4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है।

5. अक्षय तृतीया के दिन झाड़ू खरीदकर घर लाना शुभ माना जाता है। इससे घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। वहीं अगर घर में टूटी हुई झाड़ू या चप्पल है तो उसे अक्षय तृतीया से पहले घर से बाहर फेंक दें क्योंकि ये चीजें दरिद्रता की निशानी होती हैं.

अक्षय तृतीया 2023 कब है- इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन माता लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा का विधान है। अक्षय तृतीया के दिन देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से भक्तों को सुख, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है। यह हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।

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