2000 के नोट बंद होने पर आया पूर्व डिप्टी गवर्नर का बड़ा बयान, बोले- ‘इसकी कोई जरुरत नहीं’

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नई दिल्ली: शुक्रवार को रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को वापस मंगाने की घोषणा की। बैंक ने कहा कि जिनके पास भी 2000 रुपये के नोट हैं, वो उसे 30 सितंबर 2022 तक अन्य मूल्यों के नोटों से एक्सचेंज करवा सकते हैं। 2000 रुपये के नोट के बदलने की प्रक्रिया 23 मई 2023 से आरम्भ होने वाली है। इस बीच RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी (R Gandhi) ने कहा कि भारत को 500 रुपये से ज्यादा मूल्यवर्ग की करेंसी नोटों की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, मुझे नहीं लगता कि उच्च मूल्यवर्ग के किसी भी नोट की आवश्यकता है।

आर गांधी ने बताया, डिजिटल पेमेंट सिस्टम के व्यापक तौर पर कामयाब होने के बाद तथा कम महंगाई दर का मतलब है कि उच्च मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों की अब और जरुरत नहीं है। वर्ष 2016 में नोटबंदी के पश्चात् RBI ने 2000 रुपये के नए नोट को जारी किया था। बता दे कि, आर गांधी ने 2014 से 2017 तक डिप्टी गवर्नर के तौर पर कार्य करते हुए RBI के मुद्रा प्रबंधन विभाग को संभाला था। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट की आवश्यकता डिमोनेटाइजेशन के सिद्धांतों के खिलाफ थी। इसे शॉर्ट टर्म टेक्टिकल फैसले के तौर पर स्वीकार किया गया था।

आर गांधी ने कहा कि 2016 में नोटबंदी के पश्चात् इसलिए 2000 रुपये के नोट जारी किए गए थे। क्योंकि 500 रुपये के नोट की छपाई में बहुत ज्यादा वक़्त लगता। इसलिए शॉर्ट टर्म के लिए इसे स्वीकार किया गया था। इसके अतिरिक्त, RBI इन नोटों को बैंकिंग सिस्टम में आने के पश्चात् वापस ले रहा है। उन्हें दोबारा जारी नहीं किया गया। यही कारण है कि इनमें से लगभग आधे नोट पहले ही वापस ले लिए गए हैं। इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि बाकी नोटों को वापस लेने का फैसला लिया गया है।

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