बंगाल में शिक्षकों के अलावा नगर पालिका भर्ती में भी हुआ बड़ा घोटाला ! TMC नेता अयान शील ने खुद कबूला

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और भर्ती में घोटाले के आरोप केवल शिक्षकों की भर्ती तक ही सीमित नहीं हैं. नगर पालिका भर्ती के मामले में भी कई शिकायतें मिलने के बाद हड़कंप मच गया हैं. खासकर भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता अयान शील के घर से नगर निगम की नियुक्तियों से संबंधित OMR शीट के ढेर मिलने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी का संदेह और गहरा गया है और इस बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) नगर निगम भर्ती भ्रष्टाचार मामले में अधिक सक्रिय है.

उल्लेखनीय है कि ED की तरफ से राज्य के लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग को पहले ही एक पत्र लिखा गया है. एजेंसी ने 2014 से अब तक किसी भी नगर पालिका में कितनी नियुक्तियां की हैं, इस संबंध में पूरा ब्यौरा मांगा है. ED की तरफ से न सिर्फ लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग, बल्कि सूबे के नगर सेवा आयोग को भी पत्र भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार, 2014 से ED के जांच अधिकारी भर्ती से संबंधित तमाम जानकारियां नगर सेवा आयोग के माध्यम से भेजते रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, 2014 से अब तक किसी नगर पालिका में कितनी नियुक्तियां हुई हैं, कौन सी एजेंसी प्रभारी थी, इसकी पूरी डिटेल मांगी गई है. साथ ही सूत्रों ने बताया है कि हुगली के जिला आयुक्त को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है.

बता दें कि ED द्वारा अदालत को पहले सौंपी गई रिपोर्ट में केंद्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया था कि भर्ती भ्रष्टाचार मामले में अरेस्ट सत्ताधारी पार्टी TMC के वरिष्ठ नेता अयान शील ने ED की पूछताछ में कबूल किया है कि नगर पालिका में अवैध भर्ती के लिए रिश्वत के रूप में बड़ी रकम ली गई थी. ED का दावा है कि नौकरी चाहने वालों से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपए लिए गए. ED ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि ये आर्थिक लेन-देन कुछ पदों पर भर्ती के लिए थे.

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