ब्रिटेन-फ्रांस को पीछे छोड़ 3.75 ट्रिलियन डॉलर की हुई भारतीय GDP, 2014 में 2 ट्रिलियन डॉलर पर थे हम

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नई दिल्ली: भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) ने वर्ष 2023 में बड़ा रिकॉर्ड बनाया है. देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ने 3.75 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लिया है. इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी है. बता दें कि, वर्ष 2014 के बाद देश की GDP लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर थी, जो आज 2023 में 3.75 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है, यानी दोगुनी से कुछ कम. इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने बताया है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा प्राइस के लिहाज से भारत की GDP 3,737 अरब डॉलर की है. यदि विकसित देशों के साथ तुलना करें, तो भारत की GDP अब केवल अमेरिका (26,854 अरब डॉलर), चीन (19,374 अरब डॉलर), जापान (4,410 अरब डॉलर) और जर्मनी की GDP (4,309 अरब डॉलर) से कम है. वर्तमान कीमतों पर भारत की GDP ब्रिटेन (3,159 अरब डॉलर), फ्रांस (2,924 अरब डॉलर), कनाडा (2,089 अरब डॉलर), रूस (1,840 अरब डॉलर) और ऑस्ट्रेलिया (1,550 अरब डॉलर) से ज्यादा है.

वित्त मंत्रालय द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि भारत की GDP 2023 में 3.75 ट्रिलियन डॉलर हो गई है, जो 2014 में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर पर थी. इस स्थिति में इंडियन इकोनॉमी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमकदार माना जा रहा है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में भी होगी बढ़ोतरी:-

बता दें कि, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने रविवार (11 जून) को जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6 फीसदी से 6.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है. हालांकि मूडीज का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमानित 8 फीसदी की वृद्धि दर से बहुत कम है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के एसोसिएट प्रबंध निदेशक जीन फैंग ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हमें उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर करीब 6-6.3 फीसद रहेगी.

बता दें कि, GDP के आंकड़े किसी भी देश के लिए बेहद आवश्यक डाटा होते हैं. दरअसल, ये देश की अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर दिखाते हैं. GDP दो तरह की होती है, पहली Real GDP और Nonimal GDP. रियल GDP में गुड्स एंड सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है. GDP के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी किए जाते हैं.

2014 के बाद प्रति व्यक्ति आय हुई दोगुनी :-

वहीं, दूसरी ओर केंद्र की मोदी सरकार के 9 वर्षों के शासनकाल में भारत ने प्रति व्यक्ति आमदनी के मोर्चे पर लंबी छलांग लगाई है. बीते 9 सालों में यह तक़रीबन दोगुनी हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में पहली बार शपथ ग्रहण की थी, तब भारत की प्रति व्यक्ति आमदनी 86,467 रुपए थी, जो अब बढ़कर 1.72 लाख रुपए हो चुकी है. नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) के ताजा डेटा के अनुसार, मोदी सरकार के करीब 9 वर्षों के शासनकाल में यह उपलब्धि हासिल की गई है.

बता दें कि, NSO आंकड़ों और सांख्यिकी के लिए देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है. देश के विकास का विश्लेषण करने के लिए पूरे देश के अर्थशास्त्री इसके आंकड़ों की प्रतीक्षा करते हैं. शुद्ध राष्ट्रीय आय (नेट नेशनल इनकम) को यदि मौजूदा मूल्यों के संदर्भ में देखते हुए प्रति व्यक्ति आमदनी की बात करें तो NSO ने 2020-21 के लिए 1, 27,065 और 2021-22 के लिए 1,48, 524 रुपये का अनुमान जाहिर किया था. फ़िलहाल भारत में जो प्रति व्यक्ति आय है, उसमे गत वर्ष की तुलना में 15.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. इससे यह जाहिर होता है कि भारत की अर्थव्यवस्था बिल्कुल स्वस्थ है और प्रति व्यक्ति आय में निरंतर वृद्धि हो रही है.

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