नई दिल्ली: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत ही खास महत्व है. घर बनाने से लेकर उसकी सजवट तक को लेकर वास्तु का ध्यान दिया जाता है. घर में जूते चप्पल रखने से लेकर कपड़ों के रखरखाव तक में भी वास्तु का बहुत ही खास ध्यान दिया जाता है. वहीं अक्सर आपने घरों में बड़ों से बात कहते सुना होगा, कि जूता-चप्पल कभी उल्टा नहीं रखना चाहिए. ये अशुभ माना जाता है. घर में जूते-चप्पल रखने से लेकर कपड़ों के रखरखाव के भी नियम बनाए गए हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में घर में जूते-चप्पल को रखने और उतारने से जुड़ी बातों को विस्तार से बताएंगे.
वास्तु शास्त्र में जूते-चप्पल से संबंधित इन बातों का रखें खास ध्यान
1. कभी उत्तर दिशा में जूते-चप्पल रखने से बचें
अक्सर लोग घर में जल्दबाजी के चक्कर में जूते और चप्पल को जैसे-तैसे उतारकर रख देते हैं. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में जूते और चप्पल को उत्तर या फिर पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. उत्तर या फिर पूर्व दिशा में जूते-चप्पल उतारने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है. साथ ही घर की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है. परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है.
2. घर में जूता-चप्पल रखने का सही तरीका
वास्तु शास्त्र में घर पर जूते-चप्पल की अलमारी को हमेशा दक्षिण या फिर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और बाहर से आते समय जूते-चप्पल को दक्षिण या फिर पश्चिम दिशा में ही उतारें. इस बात का खास ध्यान रखें कि जूते-चप्पल को घर के मुख्य द्वार पर नहीं रखना चाहिए.
3. इस दिशा में नकारात्मक उर्जा का होता है वास
वास्तु शास्त्र में जूते-चप्पलों को घर में कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और इससे परिवार की सुख-शांति चली जाती है. इसलिए जूते-चप्पलों को उल्टा नहीं रखना चाहिए. इससे घर में दरिद्रता भी आता है.