नई दिल्ली: पुरी में आज यानी 20 जून 2023 से भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा शुरू हो गई है। रात 10 बजकर 04 मिनट पर प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निकलेंगे। अगले दिन रात 07 बजकर 09 मिनट से वे अपनी मौसी के घर यानी गुंडिचा मंदिर जाएंगे और नौ दिनों तक वहीं रुकेंगे। इसके बाद वह मंदिर वापस लौट आएंगे।
जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियां भी बदली जाती है। मंदिर से जुड़े पुजारियों की मानें तो हिंदू पंचांग के अनुसार जब कभी साल में दो आषाढ़ लगते हैं, तब भगवान की मूर्ति बदली जाती है। ऐसा 12-15 सालों में एक बार ही होता है। इस दौरान पूरे शहर की बिजली काट दी जाती है। अंधेरा कर दिया जाता है।। मंदिर के बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा होता है, ताकि मंदिर के अंदर किसी का प्रवेश न हो सके।
पुजारी की आंखों पर बांध दी जाती है पट्टी-
कहते हैं कि जिस पुजारी की मूर्ति बदलने की जिम्मेदारी होती है, उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है ताकि वे मूर्ति के ऊपर के ब्रह्म पदार्थ को न देख सकें। ये ब्रह्म पदार्थ क्या है, आज तक किसी को नहीं पता। नई मूर्ति इसी के ऊपर रख दी जाती हैं।
भगवान को खिलाते हैं खिचड़ी-
रथयात्रा के पहले दिन भगवान को खिचड़ी खिलाई जाती है। फिर उन्हें फलाहार भोजन कराया जाता है। इसके अगले दिन सुबह भगवान को नहलाया जाता है और भोग लगता है। फिर इसके बाद वे गुंडिचा मंदिर जाते हैं और यहां से 9वें दिन वापस मंदिर आते हैं।