पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज SCO मीटिंग, पुतिन-जिनपिंग और पाक PM भी होंगे शामिल, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

0 111

नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी आज यानी मंगलवार (4 जुलाई) को डिजिटली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक की मेजबानी करेंगे, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ शामिल होंगे। इस मीटिंग में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले हफ्ते प्राइवेट आर्मी ‘वैग्नर ग्रुप’ के विद्रोह की घटना के बाद किसी बहुपक्षीय मंच पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह पहली भागीदारी होगी। हालाँकि, ‘वैग्नर ग्रुप’ का विद्रोह 24 घंटो में ही ख़त्म हो गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के नेतृत्व में शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) की होने वाली इस शिखर बैठक में ईरान का इस समूह के नये स्थायी सदस्य में तौर पर स्वागत किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में ईरान को शामिल करके यूरेशियन समूह के प्रभाव का विस्तार करने और बेलारूस के लिए सदस्यता का रास्ता खोलने की मांग उठाई जाएगी। बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि SCO की शिखर बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और समूह के सदस्यों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दों पर मंथन हो सकता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि कारोबार एवं सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की जा सकती है।

यह शिखर बैठक पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच टकराव जारी रहने के तीन वर्ष पूरे होने तथा पीएम मोदी की हाल में हुई अमेरिका की यात्रा की पृष्ठभूमि में हो रही है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसे एक अहम आर्थिक एवं सुरक्षा समूह माना जाता है। भारत ने SCO की अध्यक्षता गत वर्ष 16 सितंबर को समरकंद शिखर सम्मेलन के दौरान अपने हाथों में ली थी। इस समूह के दो निकाय- सचिवालय और SCO क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (SCO रैट्स) के प्रमुख भी मंगलवार को इस बैठक में शामिल होंगे। इस शिखर बैठक का मुख्य विषय ‘सुरक्षित SCO की ओर’ (टुवार्ड सेक्योर एससीओ) है।

‘सेक्योर’ शब्द (SECURI) का नाम पीएम मोदी द्वारा वर्ष 2018 के SCO शिखर सम्मेलन में गढ़ा गया था और इसका अर्थ- सुरक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, संपर्क, एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, समग्र सुरक्षा संधि संगठन (CSTO), यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन, CIS समेत 6 क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया गया है। बता दें कि, भारत ने SCO के तहत सहयोग के 5 स्तंभों का सृजन किया है, जिसमें स्टार्टअप एवं नवाचार, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशिता, युवा सशक्तीकरण और साझी बौद्ध धरोहर शामिल हैं। भारत वर्ष 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में SCO का पूर्ण सदस्य बना था। जबकि, 2005 में वह SCO से पर्यवेक्षक देश के तौर पर जुड़ा था।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.