अब कुंवारों को हर महीने मिलेगी पेंशन, मनोहर लाल खट्टर सरकार ने पूरी की अविवाहितों की मांग

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चंडीगढ़: अविवाहितों के लिए पेंशन योजना लागू किए जाने के बाद चिर लंबित मांग पूरी हो गई है. हरियाणा सरकार ने 45 से 60 साल की उम्र के निम्न आय वर्ग वाले अविवाहित व्यक्तियों के लिए 2750 रुपये प्रति माह पेंशन देने की घोषणा कर दी है. इसी तरह की एक योजना विधुर (ऐसे पुरुष, जिनकी पत्नी का देहांत हो गया है) के लिए भी शुरू की गई है. राज्य सरकार पहले ही 60 साल से ऊपर के निम्न आय वर्ग के लोगों को मासिक पेंशन मुहैया करा रही है. अविवाहित पुरुष संगठन के लैंगिक समानता कार्यकर्ता सुनील जागलान ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस देश के विकलांगों को दिव्यांग शब्द देकर नई पहचान दिलाई थी, वैसे ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अविवाहितों को पेंशन देकर समाज में सम्मान देने का काम किया है.

बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को कहा कि 45 से 60 आयु वर्ग के अविवाहित पुरुष और महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है, उन्हें 2750 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी. इसी तरह 40 से 60 के आयु वर्ग के विधुर, जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, उन्हें भी 2750 रुपये प्रति माह मिलेंगे. सरकार के इस कदम से राज्य के सरकारी खजाने पर प्रतिवर्ष 240 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल 65 हजार अविवाहित पुरुष और महिलाएं व 5687 विधुर इस विशिष्ट आयु वर्ग और आय सीमा में आते हैं. उन्होंने कहा कि यह मासिक आय उन्हें उनकी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी.

बता दें कि हरियाणा में करीब नौ साल से अविवाहित पुरुष संगठन द्वारा पेंशन लागू करने तथा मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा की मांग की जा रही थी. वर्ष 2014 में इस संगठन का गठन करके जींद जिले के बीबीपुर व हिसार जिले के बांस गांव से प्रदेश व्यापी अभियान शुरू करने वाले सुनील जागलान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है.

लैंगिक समानता कार्यकर्ता सुनील जागलान ने बताया कि वर्ष 2014 में अविवाहित पुरूष संगठन का गठन करके ‘बहु दिलाओ वोट लो’ (हमारे वोट के बदले हमें दुल्हन दिलाओ) अभियान शुरू किया था. संगठन के लॉंच के दौरान हमने पाया कि हरियाणा के करीब सात हजार गांवों में से किसी में भी 50 से कम कुंवारे लोग नहीं थे, जिनकी उम्र 40 या उससे अधिक थी. उन्होंने कहा, ऐसी स्थिति है कि हरियाणा में कई लोग पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से दुल्हन लाने के लिए पैसे देते हैं.

जागलान ने बताया कि इस अभियान की शुरूआत जींद जिले के गांव बीबीपुर और हिसार जिले के गांव बांस से की गई थी. पूरे हरियाणा में अविवाहित पुरुष इस संगठन के साथ जुड़े हुए हैं. इस अभियान का उद्देश्य उस समय राजनेताओें को लिंगानुपात के संजीदा मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए शुरू किया गया था तथा अविवाहित लोगों की सामाजिक सुरक्षा हेतु पेंशन की मॉंग को सुनील जागलान इस मुद्दे को पुरजोर उठाया था. यह अंतरर्राष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियों में पहुँच गया था.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा अविवाहितों की पेंशन लागू करने के फैसले का स्वागत करते हुए सुनील जागलान ने कहा कि हरियाणा में आज भी अविवाहितों को कई तरह के मजाकिया शब्दों के साथ संबोधित किया जाता है. पेंशन लागू होने के बाद समाज में मजाक की बजाए सम्मान मिलेगा. उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करके अविवाहित पेंशन की सीमा को भी एक लाख 80 हजार रुपये सालाना आय से बढ़ाकर अन्य पेंशनों की तर्ज पर तीन लाख करने की मांग करेंगे.

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