श्रीलंका के राष्ट्रपति 21 जुलाई को आएंगे भारत, PM मोदी से कर सकते हैं मुलाकात

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कोलंबो : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 21 जुलाई को भारत (India) की दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की उम्मीद है। अधिकारियों ने यहां रविवार को यह जानकारी दी।

बता दें कि श्रीलंका नकदी संकट से जूझ रहा है। बीते साल जनता के विद्रोह के बाद गोटबाया राजपक्षे को अपदस्थ किया गया था। नए राष्ट्रपति नियुक्त किए जाने के बाद विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा होगी। विक्रमसिंघे को सितंबर 2024 तक राजपक्षे के शेष कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, विक्रमसिंघे के भारत की दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि विक्रमसिंघे नई दिल्ली रवाना होने से पहले द्वीपीय देश में बिजली और ऊर्जा, कृषि और समुद्री मुद्दों से संबंधित कई भारतीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन को अंतिम रूप देंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद, बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा, विदेश मंत्री अली साबरी और राष्ट्रपति स्टाफ सगला रत्नायके राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ भारत आएंगे। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की प्रस्तावित भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका की दिवालिया अर्थव्यवस्था में सुधार के अस्थायी संकेत दिख रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के उप प्रबंधक निदेश केंजी ओमाकुरा ने इस साल जून में श्रीलंका का दौरा करने के बाद कहा था, नीतिगत कार्यों के कुछ हद तक क्रियान्वयन के कारण द्वीप राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में सुधार के अस्थायी संकेत दिखाई दे रहे हैं। विक्रमसिंघे ने देश की अर्थव्यस्था को पुनर्जीवित करने के लिए दर्दनाक सुधारों की शुरुआत की है। पिछले साल अप्रैल के मध्य में पहली बार ऋण चूक की घोषणा करने वाले देश को इस साल मार्च में आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का बेलआउट मिला था।

इस बीच श्रीलंका सरकार ने रविवार को लोगों से आग्रह किया कि वे पिछले साल जुलाई में तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गायब मूल्यवान कलाकृतियों और पुरातात्विक वस्तुओं को वापस लौटाएं या उसके बारे में जानकारी साझा करें। श्रीलंका में पिछले साल जुलाई में खराब आर्थिक संकट को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति पैलेस और टेंपल ट्रीज स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया था और वहां से बेशकीमती प्राचीन वस्तुओं सहित 1,000 से अधिक कलाकृतियां गायब हो गई थीं। वस्तुएं नौ जुलाई से 14 जुलाई 2022 के बीच हुए प्रदर्शनों के दौरान गायब हुईं।

भारत ने आर्थिक संकट से उबरने तक श्रीलंका की मदद जारी रखने की अपनी इच्छा दोहराई है। कोलंबो में निर्माण, बिजली व ऊर्जा एक्सपो-2023 के उद्घाटन समारोह में भारत के उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने कहा, भारत व श्रीलंका के बीच हाल में गहरे हुए संबंधों ने दोनों देशों की दोस्ती व सभी प्रकार के सहयोग को मजबूत किया है। जापान व पेरिस क्लब के साथ ऋणदाता समिति के सह-अध्यक्ष के रूप में भारत रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, भारत की तरफ से दी गई चार अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय व मानवीय सहायता, आईएमएफ की कुल प्रत्याशित विस्तारित निधि सुविधा से कहीं अधिक है।

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