सावन का पवित्र महीना जारी है और इस बार भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए सावन के महीना 2 महीना तक रहेगा। सावन के महीने में आने वाले सोमवार व्रत, सावन प्रदोष व्रत और सावन शिवरात्रि की तिथियों का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है इन तिथियों पर भोलेनाथ की पूजा-उपासना और उपाय करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की मनोकामना की पूर्ति होती है। इस साल सावन शिवरात्रि का महापर्व 15 जुलाई को है। इसी के साथ सावन शिवरात्रि पर वृद्धि योग बन रहा है। शुभ योग बनने से सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने पर दोगुने फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में सावन शिवरात्रि पर कुछ उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है और कई तरह के ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि के दिन कौन-कौन से उपाय कारगर सिद्ध होते हैं।
सावन शिवरात्रि पर शिव-पार्वती के पूजन करने से उनकी सदैव कृपा बनी रहती है और प्रसन्न होकर वे अपने भक्तों की हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करते हैं। कुँवारी कन्याएं इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है।इसके अलावा सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्पदोष, पितृदोष और शनि का प्रकोप है वे सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक,पंचामृत या रुद्राभिषेक करें तो उन्हें लाभ होगा।
नारद पुराण के अनुसार के अनुसार साव शिवरात्रि पर शिवपूजा के साथ वृक्षारोपण करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। धर्मग्रंथों के अनुसार अच्छी सेहत पाने के किए नीम का पौधा लगाएं। संतान के लिए केले का पौधा,सुख-शांति-समृद्धि के लिए तुलसी और लक्ष्मी प्राप्ति की इच्छा हो तो आंवले का पौधा लगाना शुभ माना गया है। पीपल लगाने से पितृ दोष दूर होकर लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है इसी प्रकार वटवृक्ष मोक्ष प्रदान करता है। शिवजी और गणेशजी का प्रिय वृक्ष सभी रोगों का नाश करता है।अशोक लगाने से जीवन के समस्त शोक दूर होते हैं।
कुंडली में पितृदोष होने से जीवन में बहुत कष्ट आते हैं, मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए हवन-पूजा, श्राद्ध, तर्पण आदि करने के लिए सावन शिवरात्रि श्रेष्ठ तिथि होती है।
अग्नि पुराण के अनुसार जो मनुष्य इस दिन मंदिर अथवा नदियों के किनारे दीपदान करता है उसके घर में सुख समृद्धि आती है। सावन में जब तक दीपक जलता है,तब तक भगवान स्वयं उस स्थान पर उपस्थित रहते है,इसलिए वहां पर मांगी गई मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।