पिछले कुछ सालों से चीन स्पेस प्रोग्राम में बड़ा प्लेयर बन कर उभरा है. अभी हाल में अपना पर्सनल चांद और सूर्य का निर्माण किया. अब वह चंद्रमा और अंतरिक्ष में जाकर उसके संसाधन का दोहन करना चाहता है. इसलिए उसने चंद्रयान-3 के बाद अपने मून मिशन को तेज कर दिया है.
चीन के राष्ट्रपति ने अपने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा है कि रहस्यमयी अंतरिक्ष का पता लगाना, उद्योग को विकसित करना और चीन को अंतरिक्ष मिशन का सुपरपावर बनाना हमारा एक सपना है. चीन ने आम लोगों में अंतरिक्ष के लिए उत्सुकता बढ़ाने के लिए पूरे देश के दुकानों में अंतरिक्ष यात्रियों की मूर्तियों को स्थापित किया जा रहा है.
अभी अमेरिका दोबारा चांद पर मानव भेजने की प्लानिंग कर रहा है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चीन के सैन्य स्पेस प्रोग्राम के कारण संघर्ष जैसी स्थिति बन गई है. नासा चीफ बिल नेल्सन ने जानकारी देते हुए कहा है कि सच्चाई ये है कि अंतरिक्ष रेस में है. उनका मानना है कि चीन चांद के संसाधन संपन्न स्थानों पर हावी होने के प्रयास कर रहा है.’
चंद्रमा पर हीलियम-3, एक इसोटोप का भंडार पड़ा हुआ भविष्य का ऊर्जा माना जा रहा है. चीन ने अपने चांग ई 5 मिशन के जरिए चंद्रमा पर मौजूद चट्टानों के नमूनों की स्टडी की थी, इसमें हीलियम-3 नमूने पाए गए थे. ऐसा माना जा रहा है कि चांद पर 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक हीलियम-3 मौजूद हैं.
दुनिया के सभी स्पेस एजेंसी मिलकर अंतरिक्ष का अध्ययन करते हैं और वे एक दूसरे से जानकारियां शेयर करते हैं. लेकिन चीन इसके उलट चीन अकेले अध्ययन करता है और अपनी जानकारियां किसी को शेयर नहीं करता है. वहीं, चीन के लगातार रॉकेट भेजने से इकठ्ठा मलबा सभी के लिए खतरा बना हुआ है.