महाराष्‍ट्र में सियासी घमासान जारी, स्‍पीकर ने शिंदे गुट को दी 14 की राहत, उद्धव गुट नाराज

0 188

नई दिल्‍ली : स्पीकर नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 40 शिवसेना विधायकों को नोटिस (notice) जारी कर 7 जुलाई को 7 दिनों के भीतर अयोग्यता पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा था महाराष्ट्र में सियासी तकरार थम नहीं रहा है। एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायकों की अयोग्यता के मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उन्हें अब दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया है। इससे उद्धव ठाकरे गुट नाराज हो गया है। इसी गुट ने स्पीकर के पास शिंदे गुट के 40 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही की शिकायत की थी, जिसका वे सामना कर रहे हैं।

स्पीकर नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 40 शिवसेना विधायकों को नोटिस जारी कर 7 जुलाई को 7 दिनों के भीतर अयोग्यता पर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा था। शिवसेना विधायकों ने स्पीकर का नोटिस प्राप्त होने के बाद अयोग्यता की कार्यवाही पर जवाब देने के लिए उनसे और समय मांगा था। शिवसेना विधायकों ने अपनी अर्जी में कहा कि उन्हें गवाह लाने, अपना कानूनी बचाव तैयार करने और अपनी मौखिक दलीलें पेश करने के लिए और अधिक समय की जरूरत है।

यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को एक समय-सीमा के अंदर कार्रवाई करने का सुझाव दिया था और वह डेडलाइन खत्म होने जा रही है। उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकी दाखिल कर यह निर्देश देने की मांग की थी कि नार्वेकर को शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर जल्द फैसला देने के लिए कहा जाए।

विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को भी नोटिस जारी किया है क्योंकि शिंदे गुट ने उनके खिलाफ भी अयोग्यता की कार्यवाही शुरू करने के लिए स्पीकर को लिखा है। इसके जवाब में, उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों ने दावा किया कि उन्हें जारी किया गया नोटिस अवैध है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि भरत गोगावले की शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्ति अवैध है।

इस बीच, उद्धव गुट और कांग्रेस दोनों ने चेतावनी दी है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्यता पर कोई भी निर्णय हालिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नहीं दिया तो वे फिर से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उद्धव गुट उस फैसले का जिक्र कर रहा है, जिसमें कहा गया है कि सिर्फ उसी राजनीतिक दल (जिसके अध्यक्ष तब ठाकरे थे) के पास पार्टी का सचेतक नियुक्त करने की शक्ति है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.