नई दिल्ली : मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को 11 अगस्त को राज्यसभा में चर्चा करने की चुनौती दी। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस विषय पर चर्चा से भाग रहे हैं। विपक्षी दलों के सदस्य उच्च सदन में मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और कार्यस्थगन के प्रावधान वाले नियम 267 के तहत चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उच्च सदन में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 पर हुई लंबी चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री शाह ने विपक्ष को 11 अगस्त को मणिपुर पर चर्चा के लिए चुनौती देते हुए कहा कि वह मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा चाहती है तो उसे आज ही इस विधेयक को मतदान में हराकर अपनी संख्या दिखा देनी चाहिए।
शाह ने कहा कि 8,9 एवं 10 अगस्त को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के कारण उच्च सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि लोकसभा सदस्य होने के नाते उन्हें तीनों दिन निचले सदन में मौजूद रहना पड़ेगा इसलिए इन तीनों दिन वह मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान उच्च सदन में नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि विपक्ष को 11 अगस्त को मणिपुर पर चर्चा करनी चाहिए और उसे चर्चा से नहीं भागना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी मणिपुर मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने पर सहमति जताई थी। सभापति जगदीप धनखड़ ने मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा की अनुमति देते हुए कहा था कि इस चर्चा में समय की कोई सीमा नहीं रखी जाएगी। किंतु विपक्ष के सदस्य इस मामले में प्रधानमंत्री के बयान और नियम 267 के तहत चर्चा कराने की अपनी मांग पर लगातार अड़े हुए हैं।