संसद में मणिपुर पर जो बोला राहुल ने वही मानगढ़ धाम में दोहराया, आदिवासियों से मोहब्बत की सुनाई कहानी

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बांसवाड़ा : संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान संसद में मणिपुर में जो बोला राहुल गांधी ने वही मानगढ़ धाम में भी दोहराया। आदिवासियों से मोहब्बत की कहानी सुनाई। राजस्थान की योजनाओं का जिक्र किया। राहुल ने आरएसएस व बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे आपको आदिवासी नहीं वनवासी कहते हैं और चाहते हैं कि आप लोग जंगल में ही रहो, आगे न बढ़ो। आपके बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, इंडस्ट्रियलिस्ट नहीं बनें, हवाई जहाज नहीं उड़ाएं, प्रोफेसर नहीं बने, वो आपके वनवासी का पट्टा बांधना चाहते हैं। कांग्रेस की सोच है आप और आपके बच्चे आगे बढ़े।

जलियांवाला बाग की तरह नरसंहार की घटना के लिए प्रसिद्ध और आदिवासियों की आस्था का केंद्र मानगढ़ धाम से राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनावी शंखनाद किया। उन्होंने यहां से बीजेपी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने संसद की तरह यहां भी अपने भाषण की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा से करते हुए कहा-मैंने यात्रा में नारा दिया था-नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान चलाते हैं। मैं आपका सिपाही हूं, दिल्ली में रहता हूं, जब भी चाहे मुझे राजस्थान बुला लो, अपने घर में बुला लो, मैं दिल से आपकी मदद करना चाहता हूं।

राहुल गांधी ने राजस्थान की सरकार का जिक्र करते हुए कहा-चिरंजीवी हेल्थ स्कीम देश की नम्बर 1 स्कीम, कालीबाई स्कूटी योजना, एसटी एससी फंड को बढ़ाया, हम गरीबों-आदिवासियों की स्कीम चलाते हैं। पेंशन स्कीम से 90 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा हुआ है। गिग वर्कर्स के लिए स्कीम लाए, हम गरीबों के लिए सरकार चलाते हैं।

राहुल गांधी ने संसद में कही बात को दोहराया-बीजेपी ने मणिपुर के लोगों को मरवा कर भारत माता की हत्या की है। मेरी एक मां यहां बैठी है, दूसरी की मणिपुर में हत्या हुई है। आप देशभक्त नहीं-देशद्रोही हो। पीएम चाहें तो दो तीन दिन में इस आग को बुझा सकते हैं। सेना को कहें दो दिन में आग बुझा दो तो बुझा सकते हैं। लेकिन, पीएम तो मणिपुर को भड़काना चाहते हैं। तीन महीने हो गए, एक शब्द नहीं बोला। राहुल गांधी ने कहा कि मैंने ये बात आज संसद में भी कही थी।

सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा-आदिवासियों ने अंग्रेजों की लड़ाई में हिंदुस्तान को बनाने के लिए जो काम किया जो कुर्बानी दी, उसके लिए मैं आप सब को दिल से धन्यवाद देता हूं। आज आदिवासी दिवस की मैं आपको बधाई देता हूं। राहुल गांधी ने कहानी सुनाते हुए कहा-जब मैं छोटा था, तब मेरी दादी इंदिरा गांधी जी ने मुझे किताब दी थी। किताब का नाम पेंडू एक आदिवासी बच्चा था।वो एक आदिवासी बच्चे की जिंदगी के बारे में किताब थी।

वह जंगल में किस तरह जीता था। तीर कमान से मच्छी मरता था। उसके माता-पिता किस प्रकार जीते थे। मुझे बहुत अच्छी लगती थी। मैं शायद 45 साल पुरानी बात कह रहा हूं। मैंने दादी से पूछा आदिवासी शब्द का क्या मतलब है? वो आदिवासियों से बहुत प्यार मोहब्बत करती थीं, आपसे बहुत गहरा रिश्ता उनका था। मुझे याद है उन्होंने क्या कहा? उन्होंने कहा यह हिंदुस्तान के पहले निवासी हैं। जो हमारी भारत की जमीन है यह पहले आदिवासी की जमीन थी। हमारे मॉर्डन लोगों को आदिवासियों से जीवन जीना सीखना चाहिए। जल, जंगल जमीन से क्या रिश्ता होना चाहिए उनसे सीखना चाहिए। मेरे दिमाग मे ये बात बैठ गई कि आदिवासी इस जमीन के पहले निवासी थे।

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