नई दिल्ली : विषम (Odd) परिस्थितियों में भारत की अखंडता की रक्षा करने वाली भारतीय सेना (Army) का गठन ब्रिटिश (British) शासन काल में हुआ था। आज़ाद भारत में भी साल 1962 तक भारतीय सेना के पास पर्याप्त और आधुनिक हथियार नहीं थे। नतीजतन 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। उसी दौरान यह अहसास हुआ कि भारतीय सेना को मज़बूत बनाने के लिये आधुनिक हथियार व उपकरण बेहद ज़रूरी हैं।
1962 के बाद भारतीय सैनिकों की संख्या 5, 50,000 से बढ़ाकर 8,25,000 कर दी गई। इसके साथ ही सेना के प्रशिक्षण, संगठन और सिद्धांतों में भी अनेक बदलाव किये गये। यंत्रीकरण के जरिये भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाया गया। वर्तमान में भारतीय सेना के पास राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर, तेजस, मिग-29 व मिग-21 जैसे लड़ाकू विमान, बैलेस्टिक, आकाश, पृथ्वी जैसी मिसाइलें, अर्जुन और टी-90 भीष्म जैसे टैंक, आईएनएस विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट्स, आईएनएस अरिहंत, आईएनएस करंज जैसी पनडुब्बियाँ और आधुनिक रायफल्स जैसे विध्वंसक हथियार हैं। महिलाओं को सशस्त्र सेना में शामिल करना भी एक महत्त्वपूर्ण कदम है।