विवाहेतर संबंधों से जन्मी संतान का पैतृक संपत्ति पर अधिकार को लकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

0 139

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने विवाहेतर संबंधों से जन्मी संतान के पैतृक संपत्ति पर अधिकार को लेकर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह याचिका साल 2011 की है। ये याचिका विवाहेतर संबंधों से जन्मी संतानों का अपने माता-पिता की पैतृक संपत्ति पर हिंदू कानूनों के अनुसार अधिकार होने या नहीं होने संबंधी कानूनी सवाल से जुड़ी है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और जस्टिस जे बी पार्डीवाला (JB Pardiwala) एवं जस्टिस मनोज मिश्रा (Manoj Mishra) की पीठ ने साल 2011 से लंबित इस याचिका पर कई वकीलों के दलीलें सुनें। सुप्रीम कोर्ट इस बात पर भी फैसला करेगी कि इन संतानों का हिस्सा हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 16(3) के तहत उनके माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति तक ही सीमित है या नहीं?

क्या था मामला?
इन सवालों को 31 मार्च 2011 को सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने एक बड़ी पीठ के पास भेजा था। उस समय पीठ ने मामला बड़ी पीठ को भेजते हुए कहा था कि इस मामले से सवाल उठते हैं कि क्या विवाहेतर संबंधों से पैदा संतान पैतृक संपत्ति में हिस्सा पाने की हकदार है या क्या उसका हिस्सा हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 16(3) के तहत अपने माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति तक ही सीमित है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.