नई दिल्ली: देश में महंगाई से आम जनता परेशान हो गई है. टमाटर (Tomato) के बाद अब प्याज (Onion) की कीमतें (Price) लोगों को रुला रही हैं. हालांकि, केंद्र सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बहुत कोशिश कर रही है. इसके बावजूद भी महंगाई है कि कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. खास कर प्याज की बढ़ती की कीमत आम जनता के साथ- साथ सरकार के लिए भी टेंशन बन गई है. एक महीने पहले तक 15 से 20 रुपये किलो मिलने वाला प्याज अब 35 से 40 रुपये बिक मिल रहा है.
जबकि, देश के कई शहरों में इसका रेट 60 रुपये किलो के पार भी पहुंच गया है. इससे आम जनता का बजट बिगड़ गया है. डिपार्टमेंट्स ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की साइट के मुताबिक, अभी मिजोरम में देशभर से महंगा प्याज मिल रहा है. यहां के लांगतलाई जिले में एक किलो प्याज की कीमत 67 रुपये हो गई है. ऐसे में लोग पाव के हिसाब से प्याज खरीद रहे हैं.
स्थानीय व्यापारियों का कहना है मंडी में ही प्याज महंगा आ रहा है. ऐसे में रिटेल मार्केट में आते- आते इसकी कीमत बढ़ कर 67 रुपये किलो हो जा रही है. व्यापारियों की माने तो अभी प्याज की कीमत में गिरावट की कोई उम्मीद नहीं है. हो सकता है कि अगले महीने से प्याज और महंगा हो जाए. इसके बाद मिजोरम के दूसरे शहर ख्वाज़ावल में प्याजा सबसे मबंगा बिक रहा है. यहां पर एक किलो प्याज की कीमत 60 रुपये है.
वहीं, अगर दिल्ली- एनसीआर की बात करें, तो यहां पर प्याज का औसत रेट 37 रुपये किलो है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि मिजोरम में प्याज का रेट दिल्ली के मुकाबले दोगुना के करीब महंगा है. हालांकि, केंद्र सरकार प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बहुत कोशिश कर रही है. उसने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. ताकि, देश में प्याज के स्टॉक को बढ़ाया जा सके, जिससे मार्केट में प्याज की किल्लत न हो.
खास बात यह है कि केंद्र सरकार खुद नाफेड के माध्यम से 25 रुपये किलो प्याज बेच रही है. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस कदम से प्याज की कीमतों में गिरावट आएगी. लेकिन ऐसा होता हुआ दिख नहीं रहा है. कीमतें धीरे- धीरे और बढ़ती ही जा रही हैं.