नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के घटकदल एक-दूसरे से मुकाबला कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ से इसकी शुरुआत कर दी है। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी सीट जीतती रही है। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल राजस्थान में कई सीट पर असरदार है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार भी शुरू कर दिया है। पिछले सप्ताह उन्होंने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दस गारंटियों का ऐलान किया था। इसके साथ पार्टी ने छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश के लिए सह प्रभारी नियुक्त किए हैं। राष्ट्रीय लोकदल ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 17 सितंबर को राज्य कार्यकारिणी और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इसमें रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी शामिल होंगे। रालोद महासचिव त्रिलोक त्यागी के मुताबिक, यह तय है कि पार्टी चुनाव लड़ेगी। मजबूत सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
समाजवादी पार्टी भी मध्य प्रदेश में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रही है। वर्ष 2018 के चुनाव में पार्टी ने 52 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि उसे सिर्फ एक सीट मिली थी। वर्ष 2013 में पार्टी ने 164 सीट पर किस्मत आजमाई थी, पर पार्टी किसी भी सीट पर जीत दर्ज करने में विफल रही थी। वर्ष 2018 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में 85 सीट, मध्य प्रदेश में 208 सीट, राजस्थान में 142 सीट और तेलंगाना में 41 सीट पर अपनी किस्मत आजमाई थी। पर पार्टी किसी राज्य में कोई सीट जीतने में विफल रही थी। हालांकि, 2018 के चुनाव में रालोद ने राजस्थान में एक सीट जीती थी।
इंडिया घटकदलों के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने को लेकर कांग्रेस बहुत फिक्रमंद नहीं है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक, इंडिया गठबंधन विधानसभा चुनाव नहीं बल्कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए है। विधानसभा के लिए होता, तो पार्टी से उन्हें संकेत मिल जाता। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि इंडिया गठबंधन के घटकदल भले ही एक-दूसरे के सामने चुनाव लड़ें, पर इस बार उनके हमलों पर पहले जैसी राजनीतिक धार नहीं होगी। इसके साथ पांच में से तीन राज्यों में कांग्रेस भाजपा से सीधा मुकाबला कर रही है। इसलिए, किसी दूसरी पार्टी के लिए गुंजाइश कम है।