लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन जरूरतमंदों का पैसे के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है, सरकार उनके साथ सदैव खड़ी है। वह बेझिझक सरकार के सामने अपनी समस्या रख सकते हैं। उनका पैसे के अभाव में इलाज नहीं रुकेगा। उनके इलाज के लिए सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। सरकार प्रदेश के जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की हर समस्या को समझती और उसके निराकरण के लिए दृढ़ संकल्पित है।
जनता दर्शन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 500 से अधिक फरियादियों की उपस्थिति रही, मुख्यमंत्री ने एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान कई आलाधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों समेत अन्य अधिकारियों को आम जनमानस की समस्या को अपनी प्राथमिकता में शामिल करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्या के समाधान में हीला-हवाली करने वाले अधिकारियों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को समय से अपने ऑफिस पहुंचकर जनता की समस्याएं सुनने के निर्देश दिये और प्राथमिकता के आधार पर उसका निस्तारण करने को कहा। उनकी हर समस्या का समयबद्ध तरीके से निस्तारण कर हर संभव मदद की जाए। जनता दर्शन में ज्यादातर मामले अवैध कब्जे, आपसी संपत्ति विवाद, आपसी विवाद, परिवारिक कलह, पैमाइश और इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार को लेकर आए।
सीएम योगी ने आए सभी लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है, उन्हें किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है। राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता वह निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए। हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी मदद की जाए। जनता दर्शन में कुछ लोगों की रोजगार संबंधी समस्या पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक भरोसा देते हुए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विभागों में जनता से मिलने के समय का विशेष ध्यान रखा जाए। इस दौरान अधिकारी अपने ऑफिस में मौजूद रहें। यदि वह किसी आवश्यक कार्य के चलते ऑफिस में नहीं उपस्थित हैं तो अपने अधीनस्थ को यह जिम्मेदारी सौंपें ताकि प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश की जनता की समस्या का समाधान हो सके।
उन्होंने पुलिस के अधिकारियों को आदेश दिया कि पुलिस प्रशासन से जुड़े मामलों को लटकाया न जाए, उसे समयबद्ध तरीके से निस्तारित किया जाए। वहीं इन मामलों को ज्यादा से ज्यादा थाने स्तर पर ही निपटाया जाए ताकि जनता में पुलिस का इकबाल और मजबूत हो सके।