भारत ने आधा दर्जन अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क हटाया, सस्ते भाव पर उपलब्ध होंगे चना, सेब, मसूर दाल

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नई दिल्‍ली : चना, दाल और सेब सहित लगभग आधा दर्जन अमेरिकी उत्पादों पर से अतिरिक्त शुल्क हटाने से देश में ये वस्तुएं (items) अब सस्ते भाव पर उपलब्ध (Available) होंगे। इसके अलावा, यह भारत के लिए फायदे का सौदा है, क्योंकि इसके बदले अमेरिकी बाजार में घरेलू इस्पात व एल्यूमिनियम उत्पादों को बाजार पहुंच मिलेगी। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

भारत ने चना, दाल और सेब सहित लगभग आधा दर्जन अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क हटा दिया है। इससे अब यह वस्तुएं भारत में सस्ते भाव में उपलब्ध होंगे। इस शुल्क को 2019 में कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिका के फैसले के जवाब में लगाए गए थे। उस समय कुल 28 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाए गए थे। यह कदम 9-10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की भारत यात्रा से पहले उठाया गया है।

वित्त मंत्रालय ने 5 सितंबर को एक अधिसूचना में कहा, चना, दाल (मसूर), सेब, छिलके वाले अखरोट और ताजा या सूखे बादाम, छिलके वाले बादाम सहित अन्य उत्पादों पर शुल्क हटा दिया गया है। इन पर 10 से 20 फीसदी तक और 7 रुपये किलो से 20 रुपये किलो तक का शुल्क लगाया गया था। जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान दोनों देशों ने छह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) विवादों को समाप्त करने और कुछ अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक शुल्क हटाने का फैसला किया था।

चना, दाल और सेब सहित लगभग आधा दर्जन अमेरिकी उत्पादों पर से अतिरिक्त शुल्क हटाने से देश में ये वस्तुएं अब सस्ते भाव पर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, यह भारत के लिए फायदे का सौदा है, क्योंकि इसके बदले अमेरिकी बाजार में घरेलू इस्पात व एल्यूमिनियम उत्पादों को बाजार पहुंच मिलेगी। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

जुलाई में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा था कि सरकार ने बादाम (ताजा या सूखे, छिलके वाले), अखरोट, छोले, दाल, सेब सहित कुछ अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिशोधात्मक सीमा शुल्क हटाने का फैसला किया है। साथ ही, अमेरिका के साथ आयात शुल्क में कटौती से भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2022-23 में द्विपक्षीय वस्तुओं का व्यापार बढ़कर 128.8 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में यह 119.5 अरब डॉलर था। यह भारत के लिए फायदे का सौदा है, क्योंकि इसके बदले अमेरिकी बाजार में घरेलू इस्पात और एल्यूमिनियम उत्पादों को बाजार पहुंच मिलेगी।

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