लद्दाख में चीन पर भारत का ‘तिहरा प्रहार’, वायुसेना के इस कदम से पलक झपकते ही चित हो जाएगा ड्रैगन

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नई दिल्‍ली: भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने जा रहा है. भारतीय वायुसेना को अब लद्दाख से फाइटर ऑपरेशन के लिए तीसरा एयर बेस मिलने जा रहा है. 13,700 फीट की ऊंचाई पर भारतीय वायुसेना के न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड कर नया फाइटर बेस तैयार किया जा रहा है. 2.7 किलोमीटर लंबा यह रनवे पूरी तरह के कंक्रीट का होगा. इसके साथ ही बाकी काम को भी अगले 20 से 22 महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि इसी साल मई जून में इसके अपग्रेडेशन का काम शुरू होना था लेकिन पर्यावरण और अन्य तरह की मंजूरी के चलते थोड़ा लेट हुआ.

अगर लद्दाख एयर बेस की बात करें तो जहां से पूरी तरह से फाइटर ऑपरेशन को चलाया जा सकता है, जिसमें सिर्फ़ लेह और थौएस ही ऐसे एयरबेस है. इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हैलिकॉप्टर ऑपरेशन के लिए 3 एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है, जिसमें न्योमा, दौलत बेग ओल्डी, फुक्चे शामिल है. न्योमा ALG पिछले तीन साल के दौरान भारतीय वायुसेना की ताकत को LAC के पास बढ़ाने में बहुत कारगर साबित हुए. न्योमा एयरबेस पर लैंडिंग और टेकऑफ दोनों तरफ से हो सकती है. ये भारतीय वायुसेना के लिए बहुत बड़ा एडवांटेज है क्‍योंकि हाई ऑलटेट्यूड एरिया में इस तरह के इलाके कम ही मिलते है. इस अपग्रेडेशन में 214 करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च आएगा.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कुल 8 सीमावर्ती राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 90 नए प्रोजेक्ट को देश को समर्पित करेंगे. इन प्रोजेक्ट में तवांग तक जाने वाले रूट पर 500 मीटर लंबे ऑल वेदर टनल ‘नीचिपू टनल’ भी शामिल है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने निर्माण को प्रोजेक्ट संपर्क के तहत बनाया है, जिसमें 21 सड़कें, 64 ब्रिज, 1 टनल, 2 एयर स्ट्रिप और 2 हैलिपैड शामिल हैं. आज 12 सिंतबर को खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बिश्नाह – कौलपुर- फूलपुर रोड पर देवक पुल पर मौजूद रहेंगे.

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