नई दिल्ली/केरल. जहां एक तरफ केरल (Kerala) में बीते बुधवार यानी 13 सितंबर को निपाह संक्रमित (Nipah Pandemic) एक और मरीज के सामने आने के बाद स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंता अब और बढ़ चुकी है। वहीं इसके साथ ही राज्य में निपाह मरीजों की संख्या बढ़कर अब 5 हो गई है। वहीं कोझिकोड में एक 9 साल का बच्चा भी निपाह से पीड़ित है जो फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर है।
इस मामले पर राज्य की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने बताया कि, इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने जरुरी कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। करीब 700 ऐसे लोगों की ख़ास लिस्ट बनाई गई है, जो मरीजों के संपर्क में आए हैं। इनमें से 77 लोग हाई रिस्क कैटेगरी में भी रखे गए हैं।
बता दें कि, केरल में 2 मरीजों के मौत भी निपाह वायरस के संक्रमण के चलते हुई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी आशंका जाहिर की है कि, पूरे राज्य में इंफेक्शन फैलने का जबरदस्त खतरा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य ने कई उपाय किए हैं। वहीं अब हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गयी है।
निपाह वायरस के चलते फिलहाल कोझिकोड जिले की 9 पंचायतों के 58 वार्ड्स को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। यहां केवल इमरजेंसी सर्विसेज को अनुमति दी गई है। जिन दुकानों में इमरजेंसी जरूरत की चीजें मिल रही हैं, उन्हें सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खोलने की अनुमति है। फार्मेसी और हेल्थ सेंटर्स के लिए कोई समय सीमा नहीं है। कंटेनमेंट जोन में पड़ने वाले नेशनल हाईवे पर बसों को भी नहीं रुकने की हिदायत है।
जानकारी दें कि इस बार केरल में जो निपाह संक्रमण फैला है वह दरअसल बांग्लादेश का स्ट्रेन है। इसका इंफेक्शन रेट तो कम है, लेकिन डेथ रेट काफी हाई है। इसमें इंसानों से इंसानों में वायरस इंफेक्शन फैलता है। केरल में सबसे पहले 2018 में निपाह इंफेक्शन फैला था। उस दौरान 18 में से 17 मरीजों की मौत हो गई थी। वहीं 2019 तथा 2021 में भी इससे संक्रमित मरीज सामने आए थे। इसलिए एक बार फिर इस इंफेक्शन के फैलने की वजह से राज्य में डर का माहौल व्याप्त है।