भारत की थोक महंगाई लगातार पांचवें महीने निगेटिव जोन में, जानें क्‍या बोलते है आंकड़े

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नई दिल्‍ली : अगस्त में प्राथमिक वस्तुओं की थोक महंगाई की बात करें तो यह जुलाई के 7.57 फीसदी से कम होकर 6.34 फीसदी हो गई। वहीं, ईंधन और बिजली की थोक महंगाई -12.79 फीसदी से बढ़कर -6.03 फीसदी पर आ गई। अगस्त में देश में विनिर्मित वस्तुओं की थोक महंगाई जुलाई के -2.51 फीसदी से बढ़कर 2.37 फीसदी पर रही है। अगस्त में कोर महंगाई दर 2.2 फीसदी पर बनी रही।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से आज यानी 14 सितंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की थोक महंगाई दर अगस्त में लगातार पांचवें महीने निगेटिव जोन में रहीं। हालांकि निगेटिव जोन में रहने के बावजूद थोक महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) के हाई -0.52 फीसदी पर पहुंच गई है, जो बीते पांच महीने का उच्चतम स्तर है। अगस्त में होलसेल महंगाई जुलाई के -1.36 फीसदी से बढ़कर -0.52 फीसदी पर आई है। हालांकि इसके 0.6 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था।

अगस्त में प्राथमिक वस्तुओं की थोक महंगाई की बात करें तो यह जुलाई के 7.57 फीसदी से कम होकर 6.34 फीसदी हो गई। वहीं, ईंधन और बिजली की थोक महंगाई -12.79 फीसदी से बढ़कर -6.03 फीसदी पर आ गई। अगस्त में देश में विनिर्मित वस्तुओं की थोक महंगाई जुलाई के -2.51 फीसदी से बढ़कर 2.37 फीसदी पर रही है। अगस्त में कोर महंगाई दर 2.2 फीसदी पर बनी रही।

थोक महंगाई के ये आंकड़े सरकार अगस्त महीने के खुदरा महंगाई (सीपीआई) के आंकड़ों के दो दिन बाद आए हैं। 12 सितंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में भारत की खुदरा महंगाई दर जुलाई के 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 फीसदी से घटकर 6.83 फीसदी आ गई।

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