इलाहाबाद : हाल ही में दुष्कर्ष से जुड़ा एक मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा था, जिस पर अब अहम फैसला आया है। कोर्ट ने साफतौर पर कहा कि प्रेस प्रसंग के दौरान शारीरिक संबंध बनाना रेप की श्रेणी में नहीं आता। इसके साथ ही आरोपी को कार्रवाई से राहत दे दी। दरअसल एक युवती ने अपने प्रेमी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। साथ ही उस पर आरोप लगाया कि उसने शादी का झांसा देकर उससे दुष्कर्ष किया। बाद में वो अपनी बात से पलट गया। इस पर आरोपी के वकील ने भी कई दलीलें रखीं।
लड़की के घर वालों को भी ये बात पता चली और उन्होंने भी रिश्ते पर सहमति जता दी। इसके बाद जियाउल्लाह उनके घर आने जाने लगा। लड़की का दावा है कि उसके परिवार ने पैसे देकर उसे सऊदी भेजा, जहां पर वो कमाने लगा। कुछ दिनों बाद वो वापस आया और शादी की बात से पलट गया। इसके बाद उन्होंने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया। निचली अदालत में इस मामले की चार्जशीट दाखिल हुई थी, जिस पर आरोपी हाईकोर्ट पहुंचा। आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि दोनों में शारीरिक संबंध मर्जी से बना था। सबसे अहम बात लड़की उस वक्त बालिग थी। ऐसे में रेप के आरोप गलत हैं। जियाउल्लाह को फंसाने के लिए ये मामला दर्ज करवाया गया है।
झारखंड HC का फैसला रद्द हुई चार्जशीट सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अगर लंबे समय तक चले प्रेम प्रसंग में शारीरिक संबंध बनता है। साथ ही कोई शादी से मुकर जाता है, तो इसे रेप नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को भी रद्द कर दिया।