नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने त्योहारी सीजन में चीनी की जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। सरकार ने चीनी व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखलाओं और प्रसंस्करण कर्ताओं को साप्ताहिक आधार पर अपने स्टॉक का खुलासा सरकारी पोर्टल पर करने का निर्देश दिया है।
खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि देश में घरेलू उपभोग के लिए चीनी का पर्याप्त भंडार है। मंत्रालय ने कहा कि त्योहारों के लिए चीनी की कोई कमी नहीं है। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार देश में चीनी की खुदरा कीमत को सफलतापूर्वक स्थिर बनाए हुए है। दरअसल सरकार जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोककर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि चीनी सभी उपभोक्ताओं के लिए सस्ती रहे।
मंत्रालय ने कहा कि चीनी बाजार में ‘जमाखोरी से निपटने और सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने’ के लिए पोर्टल पर प्रत्येक सोमवार को व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखलाओं के खुदरा विक्रेताओं और चीनी के प्रसंस्करण कर्ताओं को अपनी स्टॉक स्थिति का अनिवार्य रूप से खुलासा करने के आदेश जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने चीनी मिलों और व्यापारियों से संबंधित कानूनों और मासिक घरेलू कोटा मानदंडों का पालन करने को कहा है।
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि अगस्त के अंत में 83 लाख टन चीनी का पहले के बचे स्टॉक तथा अगले महीने से पेराई शुरू होने की उम्मीद के साथ देश में घरेलू खपत के लिए चीनी का पर्याप्त स्टॉक है। सरकार ने 13 लाख टन की घरेलू बिक्री कोटा की पहली किस्त भी जारी कर दी है, जिसे चीनी मिलें तत्काल प्रभाव से बेचना शुरू कर सकती हैं। सरकार के इस फैसले का एग्रीमंडी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उप्पल शाह ने स्वागत किया है।