ढाई घंटे अर्धनग्न घूमती रही रेप पीड़िता, खून से सने थे कपड़े, देखते रहे लोग

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उज्जैन: उज्जैन यानी मध्यप्रदेश की एक ऐसी धार्मिक नगरी, दुनिया में जिसकी ख्याति बाबा महाकाल की नगरी के तौर होती है. लेकिन इस धार्मिक नगरी में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी वारदात ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. पौराणिक नगरी होने के नाते इस शहर में अक्सर दूर दराज से आए भक्तों की भारी भीड़ जुटी रहती है, और यही वजह है कि यहां प्रशासन की तरफ से सुरक्षा चाक चौबंद रहने का दावा भी किया जाता है. लेकिन इस चौकसी की पोल तब खुल गई जब यहां एक नाबालिग रेप पीड़िता अर्धनग्न अवस्था में करीब ढाई घंटे तक रिहाइशी इलाके में भटकती रही और किसी का कलेजा नहीं पसीजा. वहां का समाज संवेदनहीन बना रहा.

हैरत की बात तो ये कि नाबालिग पीड़िता उस रिहाइशी इलाके में जिधर भी जाती थी, लोग उसे देर तक घूरते तो थे लेकिन उसकी लाज को ढकने के लिए किसी ने उसे कपड़े आदि तक नहीं दिये. बच्ची अपनी भाषा में वहां के लोगों को अपनी पीड़ा बताना चाहती थी लेकिन ऐसा लगता है लोगों को ये साफ-साफ समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर कहना क्या चाहती है. इस तरह करीब ढाई धंटे तक रेप पीड़िता अर्धनग्न अवस्था में लाचार भटकती रही. किसी को भी उसकी अवस्था देखकर ना तो लज्जा आई और ना ही चिंता हुई.

ये चौंकाने वाला वाकया उज्जैन के बड़नगर रोड स्थित मुरलीपुरा क्षेत्र का है. नाबालिग पीड़िता यहां के सिंहस्थ बायपास क्षेत्र की कॉलोनी में काफी देर तक इसी तरह परेशान हाल में घूमती रही. लोगों की संवेदनहीनता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी ने तन छुपाने के लिए उसे कपड़े नहीं दिये. वह जिसके भी पास मदद की आस लिये जाती, लोग उसे देखकर बस खामोश रह जाते थे. जबकि उसके कपड़े खून से सने थे. उसकी ये हालत देख किसी के भी भीतर इंसानियत नहीं जागी.

इस मामले की जानकारी जैसे ही महाकाल थाना पुलिस को सूचना मिली, पीड़िता को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराकर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि उसे इंदौर अस्पताल भेजना पड़ा. नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म होने की पुष्टि हो चुकी है. डॉक्टर के मुताबिक उसके प्राइवेट पार्ट्स में भी गंभीर चोटें थीं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाबालिग के साथ किस तरह का अत्याचार हुआ है.

पुलिस ने उस नाबालिग पीड़िता के बारे में जिस हाल का वर्णन किया है वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाला है. जिस वक्त लड़की लोगों से गुहार लगा रही थी, अब उसकी सारी तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हैं. सीसीटीवी फुटेज में उसे तड़पते और भटकते साफ साफ देखा जा सकता है. पुलिस का कहना है कि लड़की अपने बारे में बताना चाह रही थी लेकिन कोई उसकी भाषा समझ नहीं पा रहा था.

पुलिस का कहना है कि वह उज्जैन की रहने वाली नहीं लगती. उसकी भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि वह उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज की रहने वाली हो सकती है. लेकिन पुलिस का ये भी कहना है कि जब उसकी हालत ठीक होगी तो उससे विस्तार से पूछताछ की जा सकेगी कि वह यहां कैसे और कहां से आई है और उसके साथ क्या वारदात हुई थी. पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि लोगों ने भले ही उसकी भाषा नहीं समझी लेकिन एक अर्धनग्न पीड़िता के तन ढकने और मदद करने के लिए क्या किसी भाषा समझने की जरूरत होती है?

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