अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में 6 महीने के लिए बढ़ा AFSPA, जाने क्‍या है वजह ?

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नई दिल्‍ली : अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में ‘आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पॉवर्स) एक्ट’ (AFSPA) की अवधि आने वाले एक अक्टूबर से अगले छह महीने तक के लिए बढ़ा दी गई है. अफस्पा अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों के कर्मियों को ‘कानून व्यवस्था को बनाए रखने’ के लिए जरूरी समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां प्रदान करता है. इस एक्ट को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है.

अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ जिलों और थाना क्षेत्रों में अफस्पा कई सालों से लागू है. सरकार की तरफ से समय-समय पर इसकी अवधि बढ़ाई जाती रही है. सरकार की तरफ से हर साल एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि किन इलाकों में अफस्पा की अवधि बढ़ाई जा रही है. सरकार की तरफ से इसके पीछे अपना तर्क भी दिया जाता है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि केंद्र सरकार ने ‘आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पॉवर्स) एक्ट’, 1958 (1958 का 28) की धारा-3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 24 मार्च, 2023 को जारी एक नोटिफिकेशन के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में घोषित किया था.

मंत्रालय के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है. उसने कहा, ‘इसलिए अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को अफस्पा, 1958 के तहत एक अक्टूबर 2023 से अगले छह महीने के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है.’

एक अलग नोटिफिकेशन में गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2023 को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से नागालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 थाना क्षेत्रों को एक अप्रैल 2023 से छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया था. मंत्रालय के अनुसार, नागालैंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई.

उसने कहा, ‘इसलिए अब नगालैंड के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों के अलावा उन इलाकों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा-3 के तहत छह महीने की अवधि के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है, जो i) कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्जा और केजोचा पुलिस थाने; ii) मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगकेम और अनाकी ‘सी’ पुलिस थाने; iii) लोंगलेंग जिले के यांगलोक पुलिस थाने; iv) वोखा जिले के भंडारी, चंपांग और रालन पुलिस थाने; और v) जुन्हेबोटो जिले के घाटशी, पुघोबोटो, सताखा, सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनाटो पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

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