नई दिल्ली: विजयदशमी उर्फ दशहरा (Vijayadashami & Dussehra) का त्योहार सनातन धर्म (eternal religion) में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. दशहरा एक ऐसा पर्व है, जिससे हमें अहसास होता है कि इस कलयुग (Kalyug) में भी देर से ही सही मगर जीत तो अच्छाई की ही होती है. दशहरा का त्योहार भारतवासी हर साल धूम धाम से मनाते हैं. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन प्रभु श्री राम (Prabhu Shri Ram) की पूजा भी की जाती है और उनके रावण (Ravana) पर विजय का जश्न मनाया जाता है.
विजयदशमी यानी दशहरा हर साल आश्विन मास (Ashwin month) के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनया जाता है. यह पर्व दुर्गा पूजा के नौ दिनों के बाद दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन रावण की पराजय और प्रभु श्री राम की जीत को रावण दहन के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शहर में जगह- जगह रावण और उसके भाई कुंभकर्ण (Kumbhakarna) और पुत्र मेघनाथ (Meghnath) के पुतलों को बनाकर जलाया जाता है और कुछ लोग श्री राम और लक्ष्मण बनते है. रावण की पराजय को दर्शाने के लिए इस दिन उसकी प्रतिमा को श्री राम के तीर द्वारा जलाया जाता है. इससे हम रावण दहन कहते है.
विजयादशमी तिथि: इस साल दशहरा का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर की शाम 5.44 पर हो रही है और 24 अक्टूबर को दोपहर 3.14 बजे तक दशमी तिथि रहेगी. उदया तिथि के अनुसार 24 को अक्टूबर दशहरा मनाया जाएगा. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने रावण के वध के पहले 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की थी.
विजयादशमी का शुभ मुहूर्त : हम सब जानते हैं कि किसी भी पर्व को शुभ मुहूर्त पर ही मनाया जाता है. उसी तरह दशहरा में रावण और उसके भाईओं का दहन करने की परंपरा है. अगर रावण दहन शुभ मुहूर्त में किया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है. इस वर्ष रावण दहन का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा और अगले ढाई घंटे तक रहेगा.
विजयादशमी का महत्व : ग्रंथो के मुताबिक, दशहरा के दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी. इसलिए इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दिन रावण दहन भी किया जाता है. एक और पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन सर्व शक्तिशाली मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था और इस वजह से इस दिन को विजयादशमी भी मानाई जाती है. इस दिन लोग अपने शत्रुओं पर विजय पाने के लिए पूजा करते हैं. यह दशहरा का त्योहार हमेशा से अच्छाई की जीत का प्रतीक रहा है.