नई दिल्ली : महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी जो 12 अक्टूबर के दिन आ रही है। इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इस बार मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ ‘ब्रह्म’ योग के साथ 3 संयोग बन रहे हैं। जो अक्षय फल की प्राप्ति करवाएंगे। ये योग बेहद शुभ माने जा रहे हैं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं शिवरात्रि तिथि का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। इस दिन व्रत भी भक्तों द्वारा रखा जाता है। ये दिन महादेव को खुश करने का सबसे अच्छा दिन होता है। इस दिन विधि विधान से की गई पूजा का फल भी भक्तों को प्राप्त होता है। वहीं विवाहित महिलाओं को व्रत करने से सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है तो कुंवारी लड़कियों को मनचाहे फल की प्राप्ति भोलेनाथ की पूजा से होती है।
वहीं अगर शिवरात्रि पर कोई योग बन जाता है तो वह भक्तों के लिए सोने पर सुहागा जैसा काम करता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। ज्योतिषों की माने तो इस बार मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ ब्रह्म योग समेत 3 शुभ योग भी बन रहे हैं। इस योग की वजह से भक्तों को कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं कौन-कौन से योग निर्मित हो रहे हैं।
इस बार 12 अक्टूबर के दिन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत शाम में 7 बजकर 53 मिनट पर हो रही है जो अगले दिन 9 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। इस दौरान की गई पूजा का फल भक्तों को मिलता है। ये शुभ मुहूर्त पूजन विधि और व्रत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस बार मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ ब्रह्म योग बनने वाला है। इसकी शुरुआत 13 अक्टूबर के दिन सुबह 10 बजे से होगी। इस योग में महादेव की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाए रहा है। ऐसा करने से शुभ और अक्षय फल की प्राप्ति होगी और भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहेगी।
मासिक शिवरात्रि वाले दिन शुक्ल योग भी निर्मित हो रहा है। ये योग 13 अक्टूबर के दिन सुबह 9 बजे बाद शुरू होगा। ज्योतिषों के मुताबिक ये शुभ माना जा रहा है। इस योग के दौरान किए गए कार्यों का शुभ परिणाम लोगों को मिलता है। साथ ही कई गुना फल प्राप्त होती है।
इस बार मासिक शिवरात्रि के दिन करण योग का भी निर्माण हो रहा है। ये योग बेहद शुभ माना जा रहा है। इसमें भी किए गए हर कार्य का फल प्राप्त होता है। ये शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।