बरेली : यूपी के बरेली में शोहदों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक छात्रा को ट्रेन आगे फेंक दिया. इस घटना में छात्रा का एक हाथ और दोनों पैर कट गए. उसकी कई हड्डियां भी टूट गईं. गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती छात्रा का इलाज चल रहा है. वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. बताया जा रहा है कि जिस दिन (10 अक्टूबर) ये घटना हुई उस दिन छात्रा का बर्थडे था. बर्थडे वाले दिन ही दरिंदों ने छात्रा को जिंदगी भर का दर्द दे दिया.
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र का है. बीते मंगलवार को इंटर की छात्रा का बर्थडे था. इसके लिए वह काफी खुश थी. कोचिंग से निकलने के बाद उसने सहेलियों संग केक भी काटा था. लेकिन घर पहुंचने से पहले शोहदों की दरिंदगी का शिकार हो गई.
बताया गया कि छात्रा जिस वक्त कोचिंग से लौट रही थी कुछ लड़कों ने उसके साथ छेड़छाड़ की. जब छात्रा ने इसका विरोध किया तो लड़कों ने रेलवे क्रॉसिंग के पास उसे ट्रेन के आगे धकेल दिया. जिससे छात्रा के दोनों पैर कट गए. उसका एक हाथ भी कट गया. वो लहूलुहान हालत में पटरी पर पड़ी मिली. रात 8 बजे के करीब जब छात्रा के घरवालों को इसकी खबर मिली तो हड़कंप मच गया. पुलिस-प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए.
छात्रा के परिजनों ने कहा कि एक लड़का उनकी बेटी पर दबाव बनाता था. जबरदस्ती प्रेम प्रसंग के चलते उसका पीछा करता था. घटना वाले दिन भी कोचिंग से लौटने के दौरान उसने छेड़छाड़ की थी. इस दौरान उसका एक साथी भी था. आरोपी पहले भी पीछा करते हुए आया था. लड़की जान बचाने के चक्कर में भागी होगी. इसपर उसे ट्रेन के आगे धकेल दिया. तीन-चार महीने पहले भी छेड़छाड़ की थी. तब हमने आरोपी के घर शिकायत पहुंचाई थी. मगर वो नहीं माना. अब ये वारदात कर डाली.
फिलहाल, आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में डीएम ने कहा कि बहुत ही दुखद घटना है. खुद मुख्यमंत्री जी ने इसका संज्ञान लिया है. पुलिस ने आरोपी और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है. लड़की अस्पताल में भर्ती है. हालत गंभीर है. अच्छे से अच्छे इलाज की व्यवस्था की जा रही है. इलाज में जो भी खर्च होगा, उसकी भरपाई सरकार करेगी. मुख्यमंत्री जी की तरफ से परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
इस मामले में थाने के इंस्पेक्टर, दारोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही डीएम, कमिश्नर, आईजी, एसपी सिटी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट में सीएमओ समेत तमाम अधिकारी अस्पताल पहुंचे और छात्रा के उपचार की जानकारी ली. अफसरों ने छात्रा के पिता को मदद का भरोसा दिया है. छात्रा के परिजनों के मुताबिक, वो दसवीं की टॉपर थी. इंटर में भी टॉप करना चाहती थी. पढ़ाई-लिखाई में शुरू से अव्वल रही है. पिता दुकान चलाते हैं और खेती-किसानी भी करते हैं. लेकिन घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.