शारदीय नवरात्र की शुरूआत रविवार से हो रही है। शारदीय नवरात्र 15 अक्टूबर से शुरू होकर 24 अक्टूबर तक रहेगा। भगवती का आगमन हाथी पर होगा, जो अच्छा संकेत है। हालांकि, भगवती का गमन मुर्गे से हो रहा है, जो विकलता का प्रतीक है। धर्माचार्य और ज्योतिषियों का कहना है कि शारदीय नवरात्रि के नौ दिन के दौरान मां के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है। पहले दिन घटस्थापना होती है और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
सिद्धि और साधना की दृष्टि से देखा जाए तो शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है। शारदीय नवरात्रि में जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं। मां के भक्त इन नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। नवरात्रि के 9 वें दिन कन्या पूजन की जाती है और उसके बाद उपवास खोला जाता है। शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है।
शारदीय नवरात्र कब से कब तक
15 अक्टूबर रविवार, 2023 – इस दिन घटस्थापना कर नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जायेगी।
16 अक्टूबर सोमवार, 2023 – नवरात्रि के दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाएगी।
17 अक्टूबर मंगलवार 2023- नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा स्वरूप की आराधना की जायेगी।
18 अक्टूबर बुधवार, 2023 – नवरात्रि पर्व के चौथे दिन मां भगवती के देवी कुष्मांडा स्वरूप की उपासना की जायेगी।
19 अक्टूबर गुरुवार, 2023 – नवरात्रि के पांचवे दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जायेगी।
20 अक्टूबर शुक्रवार, 2023 – आश्विन नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा जायेगी।
21 अक्टूबर शनिवार, 2023 – नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।
22 अक्टूबर रविवार , 2023 – नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।
23 अक्टूबर सोमवार, 2023 – नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है।
24 अक्टूबर मंगलवार, 2023- विजयदशमी अपराजिता पूजन कर इस दिन माँ दुर्गा विसर्जन किया जायेगा ।