लखनऊ में 90 वर्षीय वृद्धा की गला रेतकर हत्या, आंगन में खून से लथपथ पड़ा था शव

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लखनऊ। त्रिवेणीनगर के योगीनगर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला से सेवानिवृत्त उप-निदेशक मुकेश चंद्र शर्मा की 90 वर्षीय मां स्नेहलता उर्फ शैल कुमारी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई। आंगन में खून से लथपथ उनका शव पड़ा मिला। उन्होंने अपने बचाव में संघर्ष किया था। पुलिस को स्नेह लता के पौत्र मानस पर शक है, उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वह दोपहर ढाई बजे तक अपनी दादी के साथ था। मानस मुकेश का पुत्र है। पुलिस को जानकारी रात आठ बजे मिली थी। स्नेहलता अकेली रहती थीं, जबकि उनके दूसरे नंबर के पुत्र मुकेश जानकीपुरम में परिवार के साथ रहते हैं। सबसे बड़े बेटे रमेश लंदन में, तीसरे नंबर के पुत्र महेश सिधौली सीतापुर में और चौथे नंबर के आलोक रुदौली में रहते हैं। मुकेश रोजाना सुबह-शाम मां से मिलने आते थे।

रविवार सुबह वह नवरात्रि व्रत होने के कारण फल और सब्जी मां को देकर गए थे। देर शाम महेश की बेटी पूजा दादी स्नेहलता को लगातार फोन कर ही थीं। फोन रिसीव न होने पर उन्होंने पड़ोस में रहने वाले देवेंद्र के घर फोन किया। देवेंद्र के परिवारीजन ने अंदर झांका तो आंगन में स्नेहलता खून से लथपथ पड़ी थीं। मां के घायल पड़े होने की सूचना पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला से सेवानिवृत्त उप-निदेशक मुकेश चंद्र शर्मा त्रिवेणीनगर के योगीनगर स्थित मां के घर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद होने के बजाए भिड़ा हुआ था। वह अपनी मां स्नेहलता उर्फ शैल कुमारी को ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

डीसीपी उत्तरी सय्यद मोहम्मद कासिम आब्दी, एसीपी अलीगंज आशुतोष कुमार और इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने मौके पर पहुंचकर तफ्तीश शुरू की। परिवारीजन से पूछताछ में पता चला कि दोपहर दो-ढाई बजे घर (स्नेहलता के साथ) पर महेश का बेटा मानस था। उसकी रुद्रपुर में एक कंपनी में नौकरी लगी थी। वह वहां फिर चला गया। पुलिस ने बताया कि मानस को फोन किया गया तो उसका नंबर स्विच आफ है। मानस का पता लगाया जा रहा है। उससे भी पूछताछ की जाएगाी, जो भी साक्ष्य मिलेंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

महेश चंद्र के मुताबिक मां घर का दरवाजा अंदर से बंद रखती थीं। वह किसी अंजान के आने पर खोलती नहीं थी। शक पर पुलिस ने देर रात पौत्र मानस को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ में मानस ने बताया कि वह कानपुर गया था, लेकिन जब पुलिस ने उसके मोबाइल की लोकेशन देखी तो वह त्रिवेणीनगर की ही मिली। आंगन में जहां स्नेहलता का शव पड़ा मिला है। वहां पर कुर्सी गिरी पड़ी थी। स्नेहलता का हत्यारे से संघर्ष भी हुआ है। यह फोरेंसिक टीम का दावा है। स्नेहलता के घर में एक इमरजेंसी घंटी लगी थी। जब उन्हें आकस्मिक कोई जरूरत होती थी तो वह इमरजेंसी घंटी बजाती थीं, पड़ोसी के घर में बजती थी और वह लोग आ जाते थे। आशंका है कि स्नेहलता इमरजेंसी घंटी बजाकर पड़ोसी को बुलाना चाह रही थीं। यह देखकर हत्यारे ने उन पर प्रहार कर मार दिया।

पुलिस के मुताबिक मुकेश जब पहुंचे तो उन्होंने जैसे ही स्नेहलता की गर्दन में हाथ लगाकर मां कहकर बुलाया तो उन्होंने बेटा कहकर झटका देने की कोशिश की और तभी सांसें थम गईं। स्नेहलता मुकेश को बहुत चाहती थी। मुकेश भी सुबह-शाम उनका हालचाल लेने और उनकी जरूरत का सामान देने आते थे।

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